गोपालगंज: धमकी से “चमकी बुखार” से बचाव के लिए चलाया जा रहा है विशेष जागरूकता अभियान
गोपालगंज जिले में एईएस व जेई से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विभाग के द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर बैनर-पोस्टर लगाया गया है। वहीं आशा कार्यकर्ता भी अपने-अपने पोषक क्षेत्र में चमकी बुखार व जेई से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैँ। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने कहा कि लोगों को बताया जा रहा है कि वे बच्चों को रात में भूखे पेट नहीं सुलाएं । तेज धूप में बच्चों को नहीं जाने दें । जगह-जगह पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा। किसी तरह की कोई परेशानी होने पर तुरंत स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाएं, जहां बच्चे की समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग एईएस और चमकी बुखर की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में इसके लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। इलाज के लिए उपकरण और दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी जा रही है।
डीएमओ डॉ. सुषमा शरण ने बताया कि जिले की सभी आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एईएस किट दी गयी है। जिसमें पैरासिटामोटल टैबलेट, ओआरएस का पैकेट व प्रचार सामग्री है। ताकि किसी बच्चें की तबीयत खराब हो और चमकी बुखार के लक्षण दिखे तो बताये गये डोज के हिसाब से आशा कार्यकर्ता दवा देगी और तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती करायेगी।
डीएमओ ने कहा कि गंभीर बीमारी चमकी से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज किया जाये तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष थीम दिया गया है ‘चमकी को धमकी।’ इसमें तीन धमकियों को याद रखने की जरूरत है, जिसमें पहला यह है कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलायें। इसके बाद सुबह उठते ही बच्चों को भी जगायें और देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं हुई है। अंत में बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या गाड़ी से नजदीकी अस्पताल ले जायें। चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस सेवा दी जाती है। इसके लिए पीड़ित को 102 नंबर पर डायल कर एंबुलेंस बुलाना है।
इन बातों का रखें ध्यान:
- अपने-अपने बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं सोने दें।
- अगर कोई बच्चा शाम के समय में खाना खाकर सो गया है तो उसे भी रात में जगाकर अवश्य खाना खिलाएं।
- बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, चीनी आदि खिलाएं।
- चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 02 बजे से 04 बजे के बीच आक्रामक रूप लेता है।
- अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र की एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें।
- नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार कराएं।