गोपालगंज: पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क सदस्यों ने छात्र-छात्राओं को दी फाइलेरिया से बचाव की जानकारी
गोपालगंज: एक कहावत है कि जब दु:ख-दर्द स्वयं पर बितता है तब उसका असली दर्द पता चल पाता है। जिले में फाइलेरिया के मरीज अब समुदाय को जागरूक करने के लिए आगे आये हैं। ये अपनी तकलीफ़ को हथियार बनाकर समुदाय को फाइलेरिया एवं इससे बचाव पर जागरूक कर रहें है। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गांव स्तर पर फाइलेरिया मरीज एकजुट होकर सपोर्ट नेटवर्क की तरह कार्य कर रहे हैं। फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्यों ने अब जागरूकता की बीड़ा उठाया है। गोपालगंज जिले के सिधवलिया प्रखंड के शेर गांव के उच्च विद्यालय में पहुंचकर फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के महिला सदस्यों ने फाइलेरिया से बचाव की पाठ पढ़ाया। नेटवर्क सदस्य शांति देवी और रीना देवी ने छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया से बचाव, उपचार तथा लक्षणों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ दवा सेवन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया गया। नेटवर्क के सदस्यों ने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों द्वारा फैलता है, खासकर परजीवी क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चल पाता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। इस मुहिम में स्थानीय मुखिया वीरेंद्र कुमार भी शामिल थे। इस अवसर पर सीफार के राज्य समन्वयक अरूणेन्दु झा, जिला समन्वयक नेहा कुमारी समेत विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका व अन्य मौजूद थे।
फाइलेरिया के लक्षण : सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।पैरों,अंडकोष व हाथों में सूजन रोग के लक्षण हैं। फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है। इसके लिए सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग जरूर करें। घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें।कूडेदान का प्रयोग करें।
फाइलेरिया से बचाव
- फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें।
- पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रहें।
- सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगा लें
- हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो फिर उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवाई लगा लें।