गोपालगंज

गोपालगंज: डेंगू से बचाव के लिए घर-घर चलेगा जागरूकता अभियान, बचाव के लिए जागरूकता जरूरी

गोपालगंज जिले में डेंगू से बचाव के लिए घर-घर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। बिहार के कई जिलों में डेंगू का प्रसार काफी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में लोगों में जागरूकता फैलाना आवश्यक है। इसको लेकर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. विनय कुमार शर्मा ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। डेंगू के प्रसार का कारण आम लोगों में जागरूकता की कमी पायी जा रही है। अतः उच्च स्तर पर निर्णय लिया गया है कि जिन जिलों में कालाजार के विरुद्ध छिड़काव चल रहा है वहाँ के छिड़काव कार्य में संलग्न छिड़काव कर्मियों के माध्यम से घर-घर डेंगू से बचाव से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जाए एवं इन्ही के माध्यम से जिलों को उपलब्ध कराए गए पैम्पलेट का वितरण भी घर-घर कराया जाय। छिड़काव कर्मियों के माध्यम से घर के लोगों को जागरूक किया जाये।

इन बातों का रखें ध्यान:

  • घर के आस-पास साफ पानी जमा नहीं होने दें ।
  • जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल अथवा जले हुए मोबिल का छिड़काव कर दें ।
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • फुल बांह का कपड़ा पहनें ।

राज्य में डेंगू जांच के लिए चिह्नित सभी 09 सेंसेनेल सर्विलांस अस्पताल जैसे: पटना स्थित पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स, आईजीआईएमएस, आरएमआरआईएमएस के अलावा भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर एवं गया के मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में पर्याप्त संख्या में एलिजा जांच किट उपलब्ध है। यहां डेंगू की निःशुल्क जांच की व्यवस्था उपलब्ध है। इसके अलावा ज़िले के सभी निजी अस्पताल एवं जांच घरों में जांच की व्यवस्था शुरू करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू की जांच एन एस1 एंटीजन एलाइजा एवं जीएम एंटीबॉडी दोनों ही तरह से कराई जा रही है।

डेंगू से बचाव के लिए शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना ज्यादा बेहतर: ज़िला वेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण ने बताया कि वेक्टर जनित रोगों में वे सभी रोग आ जाते हैं जो मच्छर, मक्खी या कीट के काटने से होते हैं, जैसे: डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्क्रब टायफस या लेप्टोंस्पायरोसिस आदि। मलेरिया एवं डेंगू या अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचने के लिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए। मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी कर सकते हैं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना ज्यादा बेहतर है। घर के सभी कमरों की सफ़ाई के साथ ही टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी को स्थिर नहीं होने देना चाहिए। गमला, फूलदान का पानी एक दिन के अंतराल पर बदलना जरूरी है।

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