गोपालगंज

गोपालगंज: फाइलेरिया पीड़ित 20 मरीजों में एमएमडीपी किट वितरित, साफ-सफाई की मिली जानकारी

गोपालगंज: वेक्टर जनित गंभीर रोगों में शामिल फाइलेरिया संक्रमित मरीजों को नियमित रूप से आवश्यक देखभाल की जरूरत होती है। इसके लिए उन्हें आवश्यक दवाइयों के साथ संक्रमित अंग का पूरा ध्यान रखना होता है। ठीक तरह से ध्यान रखने पर फाइलेरिया संक्रमण को गंभीर होने से रोक जा सकता है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के बरौली प्रखंड के बतरदेह पैक्स गोदाम स्थित फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीफार के सहयोग प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला वेक्टर बोर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण ने फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया से बचाव एवं साफ-सफाई को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने फाइलेरिया से ग्रसित अंगों की विशेष रूप से सफाई रखने के बारे में जागरूक किया। इस मौके पर उपस्थित 20 फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया। किट में टब, मग, तौलिया, साबुन आदि साम्रगी दी गई। इस मौके पर डीएमओ डॉ. सुषमा शरण, भीडीसीओ प्रशांत कुमार, बरौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, केयर इंडिया के डीपीओ आनंद कश्यप, सीफार की जिला समन्वयक नेहा कुमारी, प्रखंड समन्वयक अमित कुमार, शुभ करण मौजूद थे।

फाइलेरिया को शुरुआत में ही रोका जा सकता: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण ने बताया कि जिले में फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को नि:शुल्क दवाएं दी जा रही हैं । संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने के बाद किसी भी व्यक्ति को काटता है तो उसे संक्रमित कर देता है। इससे या तो व्यक्ति के हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। इसे शुरुआत में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए और सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है ।

फाइलेरिया से ग्रसित अंग रखें साफ-सुथरा : कार्यक्रम में फाइलेरिया ग्रसित सभी मरीजों को स्वउपचार किट देने के साथ ही उन्हें उसपर ध्यान रखने के लिए आवश्यक उपायों की जानकारी दी गई। सीफार के स्टेट कसंल्टेंट अरुणेंदु झा ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन, के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को पैर को साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!