गोपालगंज: जंजीरों में जकड़ी युवक की जिंदगी, तंगहाली के कारण परिजन इलाज के लिए है असमर्थ
गोपालगंज में एक युवक की जिंदगी जंजीरों में जकड़ी हुई है. तंगहाली के चलते परिजन उसका उपचार भी नहीं करवा रहे. ऐसे में 40 डिग्री से ज्यादा टेंपरेचर में युवक दिन-रात बिजली खंभा से जंजीरों में जकड़ा जानवरों की तरह जिदंगी गुजार रहा है.
जंजीरों से बंधा यह युवक मानसिक रूप से बीमार है. इसकी उम्र 25 साल है. मानसिक विक्षिप्त युवक पिछले 20 दिनों से तपती गर्मी में सड़क किनारे बिजली खंभा से जंजीरों में जकड़ा जानवरों की तरह जिदंगी गुजार रहा है. तंगहाली के चलते परिजन उसका उपचार भी नहीं करवा रहे. ऐसे में 40 डिग्री से ज्यादा टेंपरेचर में वह भगवान भरोसे पूरी उम्र ऐसे ही काटने को मजबूर है. यह पूरा मामला सदर प्रखंड के जादोपुर शुक्ल पंचायत के बलुआ टोला की है.
दरअसल बलुआ टोला के रहने वाले 60 वर्षीय बहारन सहनी के पांच पुत्र हैं. तीन पुत्र परिवार से अलग रहते हैं. बहारन सहनी भी पिछले दो वर्ष से बीमार चल रहा है. ऐसे में छोटा-मोटा कार्य कर अपने परिवार का पेट पाल रहा है. सबसे बड़ा पुत्र राजू सहनी है, जो विछले दो वर्ष से मानसिक रूप से बीमार है. हालांकि इससे पूर्व वह नासिक के एक फैक्ट्री में काम करता था. जिसके बाद उसकी शादी हुई. लेकिन इसके हरकतों को देख पत्नी मायके चली गयी और घरवालों ने महिला की दूसरी शादी कर दी. अब दो वर्ष से मानसिक रूप से बीमार होने के कारण घर वालों ने परेशान होकर उसके पैरों में जंजीरे डाल घर में बांध दिया. युवक की मां जगपति देवी बताती हैं कि उनका बेटा पहले बहुत ठीक था. कमाता था और घर-परिवार चलाता था. लेकिन कुसंगती ने उसे नशे की दलदल में ढकेल दिया. जिसके बाद वह स्मैक पीने का आदि हो गया और उसका जीवन बर्बाद हो गया.
राजू सहनी के पिता का कहना है कि यह लोगों से लड़ाई झगड़ा करता था. इधर-उधर घूमकर लोगों को पत्थर मारकर घायल कर देता था. घर के सामने मिडिल स्कूल है. छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं. उन्हें भी मार देता है तो कभी पटक देता है. घर झोपड़ीनुमा है. हमेशा तोड़फोड़ करने लगता है. इसलिए इसको सड़क किनारे बांधना पड़ा. समय-समय पर भोजन पानी दे दिया जाता है. पिता ने बताया कि इसका इलाज कराने के लिए पैसे नहीं है. आर्थिक तंगी के चलते परिवार का पेट पालने में ही मुश्किल हो रही है.
वृद्धावस्था और बीमारी के चलते युवक को बाहर ले जाकर इलाज करवाना मुश्किल है. युवक जंजीरों से बंधा अपनी जिन्दगी बसर कर रहा है. जरूरत है जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को पहले करने की, ताकि इस युवक की ईलाज हो सके.