गोपालगंज: आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में मंत्री जनक राम बरी
गोपालगंज: आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद एसीजेएम प्रथम शुकुन कुमार मांझी के न्यायालय ने सूबे के खान व भूतत्व मंत्री जनक राम व पूर्व विधायक रेयाजुल हक राजू सहित तीन आरोपितों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी करने का आदेश दिया। करीब 24 साल पूर्व चुनाव के दौरान बगैर अनुमति के सरकारी भवनों पर पोस्टर लगाने के आरोप में इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार, 1998 के फरवरी माह में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे जिले के आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू की गई थी। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर व बैनर लगाने पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद भी शहर के कई इलाकों में बगैर सक्षम पदाधिकारी के अनुमति के पोस्टर लगाए गए थे। इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का मामला मानते हुए भवन निर्माण विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता राजेंद्र प्रसाद मंडल के बयान पर पांच फरवरी 1998 को नगर थाने में कांड संख्या 29/1998 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें जनक राम, रेयाजुल हक राजू व सिकंदर प्रसाद को नामजद आरोपित बनाया गया। इस मामले में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सुनवाई प्रारंभ हुई। इस बीच अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर सुनवाई पूरी करने के बाद न्यायालय ने 24 साल पुराने मामले में तीनों आरोपित सूबे के खान व भूतत्व मंत्री जनक राम, पूर्व विधायक रेयाजुल हक राजू व सिकंदर प्रसाद को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी करने का आदेश दिया।