गोपालगंज: 12 दिनों बाद अपहृत किशोरी का खनुआ नदी से बोरे में बन्द कर फेका हुआ शव बरामद
गोपालगंज के विजयीपुर थाना क्षेत्र के खनुआ नदी से 12 दिन बाद अपहरण किशोरी का शव बरामद हुआ। किशोरी की हत्या कर शव को बोरे में बन्द कर नदी में फेंक दिया गया था। शव की पहचान मठिया गाँव के स्वर्गीय अखिलेश यादव एवं विद्यावती देवी की पुत्री 16 वर्षीय पुत्री निप्पू कुमारी के रूप में की गयी है। फिलहाल पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज मामले की जांच में जुट गई है।
घटना के बारे में मृतका के माँ विद्यावती देवी ने बताया कि 13 फरवरी को मृतका किसी काम के सिलसिले में वह घर से बाहर गई थी लेकिन वह घर नही लौटी। काफी खोजबीन के बाद भी उसका कही पता नही चल सका। इसी बीच उसी गांव के निवासी धीरज कुमार को दो लाख रुपए फिरौती मांगने व नही देने पर जान से मार देने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज करवाया गया। दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने 18 फरवरी को आरोपी धीरज को गिरफ्तार किया। लेकिन दो घण्टे के बाद ही वह थाना से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी के पिता और चाचा को हिरासत में ले लिया और दो दिन बाद उसे छोड़ दिया। 22 फरवरी को पुलिस दबिश के कारण आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर किया। आशंका जताई जा रही है कि आरोपी किशोरी की हत्या कर शव को एक बोरी में बांधकर खनुहां नदी में फेंक दिया। जो 5 दिन के बाद खनुआ नदी में तैरता हुआ स्थानीय मल्लाह द्वारा देखा गया। लेकिन स्थानीय चौकिदार द्वारा मल्लाह को शव को बहा दिया इसकी भनक जब थानेदार को हुई तब उसने शव को मौके से निकलवा कर अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज मामले की जांच में जुट गई है।पोस्टमार्टम के बाद बेसरा को डीएनए टेस्ट के लिए मुजफ्फरपुर भेज दिया गया।
विजयीपुर थाना प्रभारी प्रशांत कुमार के माने तो अपहृत किशोरी का बीते 13 फरवरी को अपहरण होने की सूचना मृतका की मां के द्वारा विजयीपुर थाने में दर्ज कराई गई थी। दर्ज मामले के आधार पर पुलिस की अपहृत किशोरी के बरामदगी के लिए विभिन्न जगह छापेमरी कर रही थी। लेकीन आज उसका नदी से शव बरामद हुआ हुआ है।
हांलांकि पुलिस ने किशोरी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से जीवित रिहाई कराने में असफल रही। अपहरण की ये घटना लाश में तबदील हो गया, लेकिन रहस्य बरकरार है। इस घटना के बाद पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है। रो-रो कर मां विद्यावती देवी कह रही है कि अगर विजयीपुर पुलिस हाजत से हत्यारे को नहीं भगाती तो हमारी लड़की की इतनी जघन्य हत्या नहीं होती। यह कह कर विद्यावती देवी बेहोश हो जा रही है। अगल-बगल की आधा दर्जन महिलाएं उसे संभाल रही है ।