गोपालगंज: समाज को सही दिशा देने की एवं समाज निर्माण में शिक्षकों की होती है महत्वपूर्ण भूमिका
गोपालगंज: किसी भी समाज के निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका होती है, क्योंकि शिक्षक ही समाज को सही दिशा देने की क्षमता रखता है। अपनी सृजनात्मक क्षमता के जरिए वह न सिर्फ समाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, अपितु नवाचारों को स्थापित करके नए शैक्षिक वातावरण का निर्माण भी कर सकता है। उक्त बातें शिक्षावीद विवेकानंद मिश्रा ने पंचदेवरी में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित शैक्षणिक नेतृत्व विषयक गोष्ठी के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि समाज और राष्ट्र के भविष्य के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक समाज का आईना होता है, और देश और राष्ट्र के बेहतर भविष्य की नींव शिक्षक ही रखते हैं। वहीं डॉ दुर्गाचरण पाण्डेय ने कहा कि शिक्षक समाज में उच्च आदर्श स्थापित करने वाला व्यक्तित्व होता है। किसी भी देश या समाज के निर्माण में शिक्षा की अहम् भूमिका होती है। कहा जाए तो शिक्षक ही समाज का आईना होता है। हिन्दू धर्म में शिक्षक के लिए कहा गया है कि ‘आचार्य देवो भव:’ यानी कि शिक्षक या आचार्य ईश्वर के समान होता है। यह दर्जा एक शिक्षक को उसके द्वारा समाज में दिए गए योगदानों के बदले स्वरूप दिया जाता है।
इस दौरान सुधांशु पाण्डेय, डॉ दुर्गाचरण पाण्डेय, मधुसुदन मिश्र, रमेश मिश्र, राकेश शर्मा, राकेश सिंह, सहाबुददीन अंसारी, हरिशंर तिवारी, अनील सिहं ने अपने विचार रखे। इस मौके पर दुर्गेश कुशवाहा, बुलट सिंह, रंजीत मिश्र,मंजूर अंसारी, अरविन्द द्विवेदी आदि थे।