गोपालगंज: पंचायत चुनाव में वर्तमान मुखिया के घर से 100 मीटर के अंदर नही बनेगा मतदान केंद्र
गोपालगंज: पंचायत चुनाव को लेकर सभी सीटों के प्रत्याशियों के साथ-साथ प्रशासनिक तैयारी भी जोरों पर है। राज्य निर्वाचन आयोग ने डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी को पंचायत चुनाव को लेकर निर्देश जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि पंचायत चुनाव में वर्तमान मुखिया के घर से 100 मीटर के अंदर मतदान केंद्र स्थापित नहीं किए जाएंगे। वहीं, निजी भवनों या परिसरों में भी मतदान केंद्र नहीं बनाए जाएंगे। थाना, अस्पताल, डिस्पेंसरी, मंदिर या धार्मिक महत्व के स्थानों में मतदान केंद्र नहीं रहेगा। किसी भी मतदाता को मतदान केंद्र पर पहुंचने के लिए दो किमी से अधिक की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। इसके लिए भी तैयारी की जा रही है। पूर्ववर्ती पंचायती राज व्यवस्था के चुनावों से अबकी बार का चुनाव अलग होगा।
बिहार चुनाव आयोग के द्वारा पंचायत आम चुनाव इस बार ईवीएम से कराने की योजना है। जिसमें मतदान के दौरान प्रत्याशियों के लिए अलग-अलग बैलट यूनिट लगेगा। वोटिंग के दौरान सभी पदों के लिए मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशियों के पक्ष में वोटिंग करेंगे। वहीं, बिहार चुनाव आयोग के आधिकारिक पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का भी ऑनलाइन निपटारा किया जाएगा। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है। साथ ही जिले होने वाले पंचायत आम चुनाव के मद्दे नजर जहां ग्रामीण इलाकों में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं वहीं, प्रशासनिक अधिकारी भी चुनावी मुड में आ गए हैं। पंचायत आम निर्वाचन को ससमय एवं शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे दुकानों पर पंचायत के मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति, वार्ड सदस्य व पंच के अलावे जिला परिषद सदस्य के प्रत्याशियों के बैनर पोस्टर सटने का कार्य जारी है। वहीं कई लोग अपने अपने पसंद के मुखिया सरपंच आदि को जिताने के लिए चर्चाएं करने में लगे हैं। हालांकि अभी तक बिहार निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी नहीं किया है, लेकिन चुनाव की तैयारियों को लेकर कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
बता दे की पहले पंचायती राज चुनाव में बैलेट पेपर का उपयोग होते रहा है। ऐसे में मतदाताओं के पास सिर्फ प्रत्याशियों में से किसी एक को चुनने का ही विकल्प होता था, लेकिन इस बार नकारने का भी विकल्प मिलेगा। इसकी तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से की जा रही है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से पंचायती राज का चुनाव कराने का निर्णय आयोग ले चुका है। अफसर भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। मतदाताओं को पंचायती राज व्यवस्था के तहत चुने वाले जाने वाले प्रतिनिधियों को नकारने का वैधानिक अधिकार होगा। इसके विकल्प भी खुले होंगे। मतदाता, नोटा के जरिए इस अधिकार का प्रयोग करेंगे।