गोपालगंज

गोपालगंज: मिर्गी के मरीजों का सही समय पर इलाज जरूरी, बिना डॉक्टर के सलाह की न लें कोई दवा

गोपालगंज: आमजनों को जागरूक करने के उददेश्य से राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष 17 नवंबर राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। इस दौरान स्वास्थ्य संस्थानों पर आने वाले मरीजों व परिजनों को मिर्गी रोग से बचाव व उपचार के बारे में जानकारी दी जाती है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से आमजनों को जागरूक करने का प्रयास किया है।

सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने कहा कि मिर्गी के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है कि उपचार में देर नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति के मिर्गी से पीड़ित होने के बारे में जैसे ही जानकारी प्राप्त हों, वैसे ही तुरंत उपचार शुरू कर देना चाहिए। जल्द उपचार आगे बिगड़ती स्थिति को रोकता है। पीड़ित रोगियों को चिकित्सक की सलाह के अनुसार नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना चाहिए। यदि उन्हें दौरा नहीं पड़ता है, तो भी उन्हें चिकित्सक की सलाह के अनुसार दवाओं का सेवन करना चाहिए।रोगियों को अपने चिकित्सक की सलाह के बिना दवाओं का सेवन बंद नहीं करना चाहिए। मिर्गी से पीड़ित रोगियों को किसी भी तरह की अन्य दवाओं का सेवन करते समय उन दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों या किसी भी तरह की अन्य जटिलताओं से बचने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। शराब का सेवन न करें। शराब का सेवन दौरा पड़ने की संभावना को विकसित करता है।

डीपीएम धीरज कुमार ने कहा कि मिर्गी से पीड़ित मरीजों का सामाजिक बहिष्कार नहीं किया जाना चाहिए। गलत जानकारियों के कारण सैकड़ों मरीज कष्ट भोग रहे हैं। जागरूकता की कमी इन मरीजों की उपचार से जुड़ी जटिलताओं को बढ़ा रही है। मिर्गी दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि रोगियों की परेशानियों को रेखांकित कर उन्हें उपचार दिया जा सके। बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाना बेहद जरूरी है। मिर्गी को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियों के कारण उपचार नहीं मिल पाता। भ्रांतियों की वजह से मिर्गी का मरीज मौत के शिकार हो जाते है। अगर वह इन अर्थहीन बातों पर ध्यान न दे तो वह समय पर उपचार ले सकते हैं।

क्या है लक्षण:

  • अचानक लड़खड़ाना/फड़कन (हाथ-पांव में अनियंत्रित झटके आना)
  • बेहोशी।
  • हाथ या पैर में सनसनी (पिन या सुई चुभने का अहसास होना) महसूस होना
  • हाथ व पैरों या चेहरे की मांसपेशियों में जकड़न

मिर्गी के कारण:

  • मस्तिष्क की क्षति जैसे कि जन्मपूर्व एवं प्रसवकालीन चोट
  • जन्मजात असामान्यता
  • मस्तिष्क में संक्रमण
  • स्ट्रोक एवं ब्रेन ट्यूमर
  • सिर में चोट/दुर्घटना
  • बचपन के दौरान लंबे समय तक तेज़ बुखार से पीड़ित होना

इन बातों पर दें विशेष रूप से ध्यान:

  • घबराएँ नहीं
  • पीड़ित व्यक्ति को दौरे के दौरान नियंत्रित करने की कोशिश न करें
  • पीड़ित व्यक्ति के आसपास से तेज़ वस्तुओं या अन्य हानिकारक पदार्थों को दूर रखें
  • यदि पीड़ित व्यक्ति ने गर्दन कसकर रखने वाले कपड़े पहन रखें है, तो उन कपड़ों को तुरंत ढीला करें
  • पीड़ित व्यक्ति को एक ओर मोड़कर लिटाएं, ताकि पीड़ित व्यक्ति के मुंह से निकलने वाला किसी भी तरह का तरल पदार्थ सुरक्षित रूप से बाहर आ सकें
  • पीड़ित व्यक्ति के सिर के नीचे कुछ आरामदायक वस्तुएं रखें
  • पीड़ित व्यक्ति की जीभ बाहर निगलने के डर से उसके मुंह में कुछ न डालें
  • जब तक चिकित्सा सहायता प्राप्त न हों, तब तक पीड़ित व्यक्ति के साथ रहें
  • पीड़ित व्यक्ति को आराम करने या सोने दें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!