गोपालगंज: कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के लिए जारी हुआ प्रोटोकॉल, तंदुरूस्त रहने का दिया सुझाव
गोपालगंज: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का प्रसार धीरे-धीरे कम हो रहा है। इसके साथ हीं इससे स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए जिले में युद्ध स्तर पर सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। इन सबके बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस को मात दे चुके लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जुड़ी गाइडलाइंस जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ये नया प्रोटोकॉल कोरोना से उबर चुके मरीजों की सेहत को ठीक रखने में मददगार साबित होगी। कोरोना वायरस को हराने में कामयाब रहे लोगों को अलग-अलग लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। ऐसे में ये गाइडलाइन जारी की गई है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी नई गाइडलाइन में कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को योग, प्राणायाम करने और च्यवनप्राश खाने की सलाह दी है।
संक्रमण से उबर चुके व्यक्तियों को पालन करना होगा प्रोटोकॉल: मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके सभी लोगों की बाद की देखभाल और कुशल क्षेम के लिए एक समग्र रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसे लोगों को मास्क लगाने, हाथ धोने और स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग बनाने जैसे सभी नियमों का पालन करते रहना चाहिए। यह प्रोटोकॉल उन मरीजों के प्रबंधन के लिए एक दृष्टिकोण प्रदान करता है जो कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं और जिन्हें घरों में देखभाल की जरूरत है।
ऐसे बढ़ाये रोग प्रतिरोधक क्षमता: कोरोना को मात दे चुके मरीजो को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि वो रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित के लिए च्यवनप्राश खाएं। रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने वाली आयुष की दवाई, आयुष क्वाथ (150ml; एक कप) रोज, संशमनी वटी (500 mg दिन में दो बार) या गिलोय पाउडर (1-3 ग्राम गर्म पानी के साथ) 15 दिन तक, अश्वगंधा (500 mg दिन में दो बार) या पाउडर (1 से 3 ग्राम रोज) 15 दिन तक सेवन कर सकते हैं। हालांकि यह सिर्फ रजिस्टर्ड डॉक्टर की सलाह पर ही मिलेंगी।
इन नियमों का करें पालन:
- कोरोना से मुक्त हुए लोगों को च्यवनप्राश और हल्दी के दूध का सेवन करने की सलाह दी गई है।
- हल्दी मिलाकर दूध पीने के साथ योग और मॉर्निंग वॉक की भी सलाह दी गई है
- हमेशा गर्म पानी का सेवन करें। बाहर खाने-पीने से बचें
- रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने वाली आयुर्वेदिक दवाएं लें
- हल्की या मध्यम एक्सरसाइज करें
- रोजाना योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन करें
- इलाज करने वाले डॉक्टर ने सांस की एक्सरसाइज जैसे बताई हो वैसे करें
- सुबह या शाम वॉक करें और हमेशा डॉक्टर के संपर्क में रहें
- संतुलित आहार लें, पर्याप्त नींद लें और आराम करें
- धूम्रपान और शराब से परहेज करें
- घर पर सेल्फ हेल्थ मॉनिटरिंग करें जैसे कि टेंपरेचर, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, पल्स ऑक्सीमीटर आदि चेक करते रहें
- अगर सूखी खांसी या गले में खराश बनी हुई है तो गरारे करें और भाप लें