गोपालगंज

गोपालगंज: रामाश्रय सिंह हत्याकांड, परिवार ने आरोपियों की गिरफ़्तारी ना होने पर आंदोलन की दी चेतावनी

गोपालगंज: उद्यमी रामाश्रय सिंह हत्याकांड में नया मोड़ आया है। इस मामले में चल रही सीआईडी जांच में सभी नामजद आरोपियों पर केस ट्रू पाया गया है। यानि अब यह साफ़ हो गया है कि वह सभी नौ नामजद आरोपी इस केस में पूरी तरह संलिप्त थे। उद्यमी का परिवार जो दो महीने से लगातार आंदोलन कर रहा था। उसके लिए यह एक संतोषजनक खबर है। किन्तु पीड़ित परिवार ने पुलिस प्रशासन से कई सवाल भी किये हैं और इसी मुद्दे को लेकर आज उन लोगों ने एक संक्षिप्त प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था।

परिवार का कहना है कि पुलिस अब तक सीआईडी जाँच चलने का बहाना करके अपराधियों से सांठ-गाँठ करके उनकी गिरफ्तारी और उनके घरों की कुर्की करने से बचती आ रही थी। अब जब सीआईडी ने भी अपनी जांच में उनकी संलिप्तता को सत्यापित किया है फिर पुलिस क्यों देरी कर रही है? वह जितनी जल्दी हो उन सभी नामज़द अपराधियों की गिरफ्तारी करे और उनके घरों की कुर्की करे। उद्यमी के परिवार ने एसपी से अनुरोध किया है कि वह जल्दी अपने पुलिस बल के साथ उन आरोपियों को पकड़ें और कुर्की की प्रक्रिया आरम्भ करें वरना हमें मजबूरन अपना आंदोलन और तेज करना पड़ेगा।

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि नीतीश सरकार अपराधियों को बचाती है और हम जैसे निर्दोष व्यवसायी लोगों को फंसाती भी है। राज्य में सत्तारुढ़ दल जदयू के लॉ सेल के प्रदेश सचिव सह संगठन प्रभारी, सारण प्रमंडल एवं पूर्व प्रदेश महासचिव मोहनीश कुमार शाही सीआईडी की जाँच रिपोर्ट आने के बाद से ही लगातार दोषियों के समर्थन में बयान दे रहे हैं। वह एक वकील हैं और नीतीश सरकार की पार्टी में एक वैधानिक पद पर आसीन हैं, उनका इस तरह विधि द्वारा स्थापित सीआईडी की इस जाँच रिपोर्ट का भी विरोध करना शोभा नहीं देता। मोहनीश शाही ने बाक़ायदा पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर खासकर दो नामज़द आरोपितों ब्रजकिशोर सिंह उर्फ़ बुच्ची सिंह तथा राजू सिंह को निर्दोष बताया है और उन्हें बचाने की कोशिश की है। जिससे साफ पता चलता है कि इन लोगों पर सरकार के लोगों का हाथ है। जबकि उन्हीं लोगों ने सीआईडी जाँच का बार बार हवाला दिया था कि वह उस जाँच को ही मानेंगे। अब जब जाँच में सभी नौ आरोपितों पर आरोप का सच होना पाया गया है तो यह लोग उसे भी झूठ बताने लगे हैं। वह एक अधिवक्ता हैं लेकिन कभी जज बनकर अपना फैसला सुना रहे हैं और उन अपराधियों को निर्दोष बता रहे हैं जिनकी इस हत्याकांड में संलिप्तता को सत्य करार दिया गया है। यह स्पष्ट उदाहरण है कि सरकार के लोग ही गुंडों का संरक्षण देते हैं और उनके समर्थन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खड़े रहते हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ित परिवार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पुलिस अब जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करे अन्यथा वह अपने आंदोलन को और बड़ा करेंगे।

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