गोपालगंज

गोपालगंज: ग्रामीणों के विरोध को किया दरकिनार, 18 संदिग्ध मरीजों को ढूंढ निकाली आशा मीरा

गोपालगंज: वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के खिलाफ हर कोई जंग लड़ रहा है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों की तरह जमीनी स्तर पर काम कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है । डॉक्टर पुलिसकर्मी नर्स के साथ-साथ गांव की आशा कार्यकर्ता भी कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं। लेकिन इस मुश्किल दौर में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को भी कई चुनौतियाँ का भी सामना करना पड़ रहा है. गोपालगंज जिले के फुलवरिया प्रखंड के हरीहरा गांव की आशा कार्यकर्ता मीरा देवी भी कुछ ऐसे ही विपरीत हालातों में अपनी सेवा देकर अपनी सार्थकता साबित की है।

आशा कार्यकर्ता मीरा देवी बताती है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए चल रहे डोर टू डोर सर्वे अभियान में उन्हें काफी परेशानियों के साथ-साथ ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटी और अपने कर्तव्य को निभाते हुए ने गांव में 18 संदिग्ध मरीजों को ढूंढ निकाला। जिसमें से दो कोरोना के पॉजिटिव पाए गए। वह कहती हैं, लोगों से समन्वय बनाने में सबसे बड़ी जिम्मेदारी आशाओं के ही सामने आ रही है।

आशा कार्यकर्ता मीरा देवी ने अपने क्षेत्र के हरिहरा गांव में 240 घरों का सर्वे किया। इस गांव में करीब 1662 जनसंख्या है। सर्वे के दौरान 18 संदिग्ध मरीज पाए गए। जिसमें से कोरोना के पॉजिटिव पाए गए थे।

ग्रामीणों को विरोध करने के बावजूद भी आशा कार्यकर्ता अपनी ड्यूटी करती रही और दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान कर पूरे गांव को संक्रमण से बचाने में अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया है। आशा मीरा देवी बताती है कि सर्वे के दौरान उनके साथ ग्रामीणों के द्वारा अभद्र व्यवहार भी किया गया लेकिन फिर भी वह हार नहीं मानी। आशा मीरा देवी ने यह साबित कर दिया है कि अगर सच्ची मेहनत के साथ कोई भी कार्य किया जाए तो उसमें सफलता मिलनी तय है। कोरोना वायरस जैसे वैश्विक महामारी के खिलाफ हर कोई जंग लड़ रहा है। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि एक दूसरे का सहयोग कर इस वायरस के खिलाफ जंग लड़ा जाए।

मीरा देवी कहती हैं कि हरिहरा गांव को संक्रमण से बचाने की पूरी जिम्मेदारी उन्होंने लिया है और अपने जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही है. लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग रखना और अति आवश्यक काम होने पर ही घरों से बाहर निकलने और मास्क लगाकर निकलने के बारे में बता रही हैं। मीरा देवी का कहना है कि कोरोना के इस दौर में उन्हें समाज व देश की सेवा का मौका मिला है। वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से निभा रही हैं। गर्मी व धूप उन्हें डिगा नहीं सकती।

मीरा आगे बताती है कि वह नियमित अपने क्षेत्र में भ्रमण कर रही हैं। साथ ही जो लोग बाहर से आए हैं, उनको चिन्हित कर उन्हें 14 दिन तक घर में रहने की हिदायत दे रही हैं। लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है, ताकि लोग अपने घरों से बाहर ना निकलें। कोरोना के इस मुश्किल समय में काम करने में उन्हें बिल्कुल डर नहीं लग रहा है। बल्कि अच्छा लग रहा है कि देश सेवा करने का मौका मिला है।

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