गोपालगंज: सूबे में शराबबंदी के बाद सदर अस्पताल परिसर में खुला नशामुक्ति केंद्र हुआ बंद
गोपालगंज: बिहार में वर्ष 2016 में शराब बंदी के बाद प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों ने नशा मुक्ति केन्द्रों का स्थापना किया गया था. वही शराब बंदी के बाद शराब के आदी लोगो को बीमारी के बाद यहाँ बड़े पैमाने पर भर्ती भी कराया गया. जिसमे सैकड़ो लोगो का इलाज भी हुआ. लेकिन अब यही नशा मुक्ति केंद्र गोपालगंज में अब बंद हो चूका है. यहाँ नशे के अभाव में बीमार होने वाले नशे के आदी मरीजो को नहीं भर्ती कराया जाता है. कमोवेश यही हाल गोपालगंज नशा मुक्ति केंद्र का भी है.
गोपालगंज सदर अस्पताल परिसर में 29 मार्च 2016 को नशा मुक्ति केंद्र का उद्घाटन किया गया था.गोपालगंज के तत्कालीन डीएम राहुल कुमार ने इस मुक्ति केंद्र का उद्घाटन भी किया था. तब सरकारी योजना के मुताबिक शराब बंदी के बाद जब शराब नहीं मिलने से अगर नशे के आदी लोगो की तबियत ख़राब होती है तो उन्हें यहाँ भर्ती कराया जायेगा. और उनका समुचित इलाज भी किया जायेगा. शराब बंदी के बाद यहाँ दर्जनों नशेडियो को भर्ती भी कराया गया. उनका समुचित इलाज भी हुआ. लेकिन समय बीतने के बाद अब यह नशा मुक्ति केंद्र बंद होने के कगार पर आ गया है. यहाँ अब नशे के आदी लोगो को भर्ती नहीं कराया जाता है. यहाँ नशा मुक्ति केंद्र में बेड ऐसे ही खाली पड़े हुए है. अब यहाँ कोई स्टाफ नहीं रहता. सिर्फ बेड पर चादरे तो है. लेकिन कोई मरीज नहीं है.
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया की शराब बंदी के बाद वैसे मरीजो को यहाँ भर्ती करना था. जो नशे की हालत में गिरफ्तार होते है. उनका समुचित इलाज करना था. ताकि वे दोबारा शराब का सेवन न करे. उसके अलावा वैसे मरीजो को भी यहाँ भर्ती कराना था. जिन्हें पुलिस गिरफ्तार करे और उनका इलाज करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया जाये.लेकिन यह सेंटर खुलने के एक साल बाद भी बंद हो गया. यहाँ कोई चिकित्सक या स्टाफ नहीं रहता है. इसके साथ ही लोग गिरफ़्तारी की डर की वजह से किसी मरीज को भर्ती नहीं कराते है. जिसकी वजह से सरकार के द्वारा खर्च किये गए लाखो रूपये से बने ये केंद्र अब बेकार पड़े हुए है.