गोपालगंज

गोपालगंज में बेख़ौफ़ अपराधियो ने युवा राजद के नेता को सरेआम मारी गोली, गोरखपुर रेफर

गोपालगंज में बेख़ौफ़ अपराधियो ने युवा राजद के नेता को जहा आज तडके सरेआम गोली मार दी। वही गोली लगने से गंभीर रूप से घायल पीड़ित को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहा से उन्हें गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया गया। घटना थावे रेलवे स्टेशन के समीप की है। वे सुबह रोजाना की तरह टहलने गए हुए थे। तभी अपराधियो ने उन्हें गोली मार दी है। पीड़ित राजद नेता का नाम मुन्ना श्रीवास्तव है वे स्व बैजनाथ श्रीवास्तव के पुत्र है। मुन्ना श्रीवास्तव थावे के रहने वाले है और युवा राजद में जिला महासचिव भी है।

बताया जाता है कि आज रविवार को तडके सुबह करीब 5.30 बजे वे रोजाना की तरह थावे रेलवे स्टेशन की तरफ टहलने गए हुए थे। इसी दौरान अँधेरे का लाभ उठाकर कुछ अज्ञात अपरधियो ने उनके उपर चार राउंड फायरिंग की। फायरिंग की आवाज सुनते ही इधर उधर भागने लगे। तभी एक गोली उन्हें लगी। गोली लगने के बाद मुन्ना श्रीवास्तव जमीन पर गिर गए। जिन्हें बाद में स्थानीय लोगो की मदद से गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहा से उन्हें गोरखपुर के लिये रेफर कर दिया गया। बताया जाता है की अब उनकी हालत खतरे से बाहर है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुन्ना श्रीवास्तव जमीन के मामले से भी जुड़े हुए है। जो जमीन की खरीद बिक्री का काम देखते है। गोलीबारी की वजह जमीनी विवाद भी हो सकता है। हालांकि पुलिस इस एंगल से भी मामले की पड़ताल कर रही है।

राजद जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक रियाजुल हक़ राजू ने बताया कि मुन्ना श्रीवास्तव युवा राजद के जिला महासचिव के पद पर है। वे संगठन के कद्दावर नेता है। जो आज सुबह टहल रहे थे। तभी अपराधियो ने उन्हें निशाना बनाया है। राजद जिलाध्यक्ष ने इस मामले में एसपी से तत्काल अज्ञात अपराधियो की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।

एसपी मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि उन्हें भी गोली मारने की सुचना मिली है। वे इस मामले में पीड़ित का बयान लेने के लिए एक टीम को गोरखपुर के लिए भेज दिए है। इस टीम के सदस्य पीड़ित से बयान राज करेगी तभी कुछ पता चल पायेगा की आखिर गोलीबारी की वजह क्या है और इस ममाले में कौन कौन शामिल है।

अब बड़ा सवाल है की जब आज तडके मुन्ना श्रीवास्तव को गोली मारी गयी। तब उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती करवाने वाले कौन कौन लोग थे और उनके द्वारा पुलिस को सुचना क्यों नहीं दी गयी। क्योकि इस मामले की जानकारी थावे पुलिस को एसपी मनोज कुमार तिवारी के द्वारा फोन पर दी गयी। जबकि अमूमन ऐसे अपराधिक मामले में लोग पहले पुलिस को फोन करते है और उनका इलाज कराया जाता है। लेकिन यह भी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है की आखिर आननफानन में बिना पुलिस को सुचना दिए ही उन्हें गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया गया।

बहरहाल थावे पुलिस घटनास्थल पर पहुचकर मामले की जाँच में जुट गयी है। वही एसपी ने जल्द ही अपराधियो की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है।

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