गोपालगंज में जशने ईद-ए-मिलादुन्नबी के मौके पर सड़कों पर उमड़ा जश्न-ए-मुहम्मदी का जुलूस
गोपालगंज: पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब के यौमे पैदाइश के मौके पर रविवार को शहर के साथ साथ पूरे जिले में पूरी शानो-शौकत के जश्न-ए-मुहम्मदी का जुलूस निकाला गया। इस दौरान जुलूस का जगह-जगह विभिन्न समाज के लोगों द्वारा स्वागत किया गया। जुलूस में अनेक जगह आकर्षण झांकिया सजाई गई। अंजुमनों के जनसैलाब से शहर की सड़कें भरी रहीं। अंजुमनों के हाथों में बैनर, रंग बिरंगे गुब्बारे और अमन शांति के संदेश थे। जुलूस में इस्लामी झंडों के साथ तिरंगा भी फहराया गया जिससे देशभक्ति की झलक भी खूब देखने को मिली।
सदर इस्लामिया मदरसा के सचिव अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया ने कहा कि इस्लाम में किसी भी मजहबी पेशवा को बुरा कहना गुनाह है। नबी करीम ने कहा कि किसी भी मजहब को बुरा मत कहो। फेसबुक, व्हाट्सअप आदि सोशल साइट पर किसी भी धर्म का मजाक मत उड़ाओ। क्योंकि यह इस्लाम की तालीम के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस्लाम ने किसी को भी अपने मर्जी का मजहब अख्तियार करने की छूट दी है। दीन में कोई जबरदस्ती नहीं है।
गौरतलब है की पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब का जन्म इस्लामिक माह रबीउल अव्वल की 12 तारीख को हुआ था। इस दिन को ईद मिलादुन्नबी, यौमुन्नबी या विलादत-ए-नबी के नाम से पुकारा जाता है। इस दिन को जश्न के रूप में मनाते हैं। घरों पर हरी झंडियां लगाई जाती हैं, जुलूस निकलते है और पूरे रबीउल अव्वल माह में जलसों का आयोजन होता है।