47 और 56 की तड़तड़ाहट से दहल सकता है लखनऊ, गैंगवार की आशंका से सहमा पुलिस महकमा
उत्तर प्रदेश के जीवित चंद बेहद दुर्दांत और शार्प शूटरों में शुमार किया जाने वाले माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ़ मुन्ना बजरंगी के साले की पुष्पजीत सिंह और उसके लेक्चरार साथी संजय मिश्र कि हत्या के बाद से यह आशंका अब यकीन में बदलती नजर आ रही है। बताया जाता है कि सालों से थमी हुई गैंगवार फिर से होती हुई दिखाई दे रही है। अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर से लखनऊ में AK -56 और AK – 47 की गूंज सुनाई देगी।
झांसी जेल में बंद माफिया प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी शुक्रवार को राजधानी के विकासनगर में अपने साले पुष्पजीत की तेरहवीं में शरीक होने पंहुचा। माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के पहुंचने से पहले ही उसके साले के घर के आस-पास का पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया। इस दौरान बजरंगी किस- किस से मिल रहा था और किससे क्या बात कर रहा था। इसकी जानकारी हासिल करने के लिए यहां ख़ुफ़िया एजेंसी आईबी, यूपी पुलिस और उसके साथ-साथ एसटीएफ के कई बड़े अफसरों समेत कई टीमें लगाई गयी थी।
गौरतलब है कि 5 मार्च की रात विकासनगर इलाके में मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह और उसके मित्र संजय मिश्र की बेखौफ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस सनसनीखेज वारदात के मामले में हत्यारों की गर्दन तक पहुंचने के लिए पुलिस को ही नहीं एसटीएफ टीम को भी लगाया गया।जांच पड़ताल में जैसे ही सामने आया कि यह कत्ल किसी और का नहीं चर्चित नाम मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह और उसके मित्र संजय मिश्र का हुआ है। इस पर पुलिस अधिकारी सकते में आ गए थे। मामले की जांच यूपी एसटीएफ के साथ साथ राजधानी पुलिस कर रही है।
यूपी पुलिस महकमें से जुड़े एक बड़े अफसर की मानें तो इन हत्याओं के पीछे पुरानी गैंगवार बताई जा रही है। बताया जाता है कि झाँसी जेल में बंद माफिया मुन्ना बजरंगी अंडरवर्ल्ड के लिए अरसे से काम करता रहा है। उसके साले और उसके दोस्त की हत्या के पीछे पुलिस को यह अंदेशा है कि बजरंगी के साले और उसके दोस्त की हत्या इसी पुरानी रंजिश की ही एक कड़ी है। समझा जाता है कि राजधानी में अब कभी भी गैंगवार हो सकती है।