गोपालगंज

गोपालगंज: गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व व प्रसव के बाद बेहतर देखभाल पर होगी काउंसलिंग

गोपालगंज: जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान या बाद में सही देखभाल के लिए अच्छी पहल शुरू की गयी है। प्रसव के बाद भी माता के साथ नवजात शिशु के बेहतर देखभाल की जरूरत होती है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रसव के लिए अस्पताल में आने वाली महिलाओं को प्रसव पूर्व और बाद में आशा एवं ममता के द्वारा कांउसलिंग की जाती है। जिसमें आशा व ममता प्रसव के बाद महिलाओं को नवजात शिशु देखभाल के विषय में जानकारी देती हैं।

घर-घर जाकर महिला व शिशुओं की देखभाल करती हैं आशा : प्रसव के बाद आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिला व नवजात शिशुओं की देखभाल करती है। 40 दिनों तक घर आशा कार्यकर्ता घर पर भ्रमण करती है। प्रसव बाद के दिन बाद , तीसरे दिन बाद फिर सातवें दिन तथा 14 दिन, 28 दिन 42 दिन बाद जाकर गर्भवती महिला व शिशुओं की देखभाल करती है और उन्हें बेहतर सलाह देती हैं। इसके लिए जब महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है तो एक पासपोस्ट दिया जाता है। जिसमें तीन फार्मेट होता है। पहला फार्म महिला के पास, दूसरा आशा के पास तथा तीसरा अस्पताल में रखा जाता है। जिसके आधार महिला व शिशु का रिपोर्ट तैयार किया जाता है।

केयर के प्रयास से व्यवस्था में हुआ सुधार : सरकारी अस्पतालों में पहले भी गर्भवती महिलाओं का काउंसलिंग किया जाता था। लेकिन यह नियमित नहीं होता था। जिसके बाद से केयर इंडिया के प्रयास से व्यवस्था में सुधार किया गया है। अब रेगूलर गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व या बाद में काउंसलिंग की जाती है। इसके लिए आशा और ममता को जिम्मेदारी दी गयी है।

प्रसव के बाद केएमसी वार्ड में किया जाता है भर्ती: केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि महिला के प्रसव के बाद आधा घंटे तक लेबर रूम में रखा जाता है। उसके बाद कंगारू मदर केयर यूनिट (केएमसी) में शिफ्ट कर दिया जाता है। जहां पर ममता की देखभाल में दो घंटे तक रखा जाता है।

दी जाती है ये जानकारी:

• शिशुओं को छह माह तक माँ का हीं दूध पिलायें
• बच्चे नाल पर कुछ न लगायें
• साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
• परिवार नियोजन के बारे में जानकारी
• बच्चें को उपहरी आहार नहीं देना है
• किसी भी संदेह के स्थिति नजदीकी अस्पताल या आशा से संपर्क करें
• 24 घंटे एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है

ममता की क्षमतार्वधन के लिए दी जाती है ट्रेनिंग: इस योजना के सफल बनाने में ममता का अहम योगदान होता है। जिसके लिए हर माह केयर इंडिया की ओर से प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के माध्यम से कार्यों के बारे में जानकारी देकर उनका क्षमतावर्धन किया जाता है ताकि बेहतर तरीके से अपने कार्यों को कर सके।

दर्पण एप से की जाती है निगरानी: इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग के लिए बिहार सरकार एवं केयर इंडिया के संयुक्त प्रयास से दर्पण मोबाइल एप लंच किया गया है। जिसके माध्यम से अस्पताल के हेल्थ मैनेजर वार्ड में जाकर महिलाओं से पूछताछ करता है कि नर्स व ममता के द्वारा काउंसलिंग किया गया है या नहीं। दर्पण मोबाइल ऐप में महिला का नाम डालते हीं पूरी डाटा सामने आ जायेगा। जिससे पता चल सकेगा कि काउंसलिंग की गयी है या नहीं। इस एप के माध्यम से इसकी निगरानी की जाती है।

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