शिवहर

शिवहर में आखिर कब आएगा रेल, सांसद से लेकर मंत्री तक सब किये है मौनधारण – मुकुंद प्रकाश मिश्रा

शिवहर- देश आजाद हुए करीब 70 वर्ष,तथा शिवहर के जिला बने करीब 25 वर्ष से ज्यादा हो गये लेकिन विकास से मीलों दूर है क्षेत्र इसका बड़ा कारण यहाँ रेलवे लाईन का ना होना है, केंद्र में बनी नयी सरकार से उम्मीद है कि इस दिशा में उचित पहल किया जाएगा,कारण स्थानीय सांसद और केन्द्र में सरकार एक ही पार्टी कि है. दरअसल जिला बनने के बाद करीब दो दशक से रेलमार्ग का इंतजार कर रहे क्षेत्रवासियों के इंतजार खत्म होने का नाम नही ले रहा है.

शिवहर को रेल से जोड़ने का प्रयास तो 1989 से हो रहा है लेकिन करीब एक दशक पूर्व बापूधाम मोतिहारी सीतामढ़ी भाया शिवहर रेलवे लाईन के घोषणा होने से क्षेत्र के विकास होने का उम्मीद जगा था लेकिन सरकार द्वारा निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में डाल देने से लोगो मे निराशा है. घोषणा के बाद कई सालों से यहां के लोग रेल लाइन से न जुड़ने से अपेक्षित विकास से महरूम है. जबकि इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरु करने की मांग को लेकर कई संगठन लगातार आवाज उठाते रहें है और शिवहर में कई वर्षो से इस मुद्दे पर लगातार आंदोलन हो रहा है.

इस संबंध में शिवहर के आरटीआई कार्यकर्ता मुकुन्द प्रकाश मिश्र ने जब रेल मंत्रालय से सूचना के अधिकार के तहत सवाल पूछा तो 22/2/2017 को प्राप्त सूचना के अनुसार मोतिहारी सीतामढ़ी नई रेल लाइन परियोजना में फाइनल लोकेशन सर्वे पूरा कर लिया गया है. भूमि अधिग्रहण नहीं होने की वजह से परियोजना का विकास रुका हुआ है. अभी 926.09 करोड़ का विस्तृत प्राक्कलन इस परियोजना के लिए प्राप्त हुआ है,जो अभी विचाराधीन है. अभी तक इस परियोजना पर 24 करोड़ रूपया खर्च हुए हैं वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है. परियोजना का निर्माण अभी-अभी सुनिश्चित नहीं है. वहीं 25-9-2017 को प्राप्त सूचना के अनुसार मोतिहारी सीतामढ़ी भाया शिवहर रेल लाइन परियोजना को 2006-07 के रेलवे बजट में शामिल किया गया था.

इस परियोजना के 1006.75 करोड़ रुपए के डिटेल्ड एस्टिमेट के जांच के सिलसिले में सक्षम प्राधिकारी ने परियोजना के नकारात्मक प्रतिफल दर आर ओ आर एवं आसन्न क्षेत्र में उपलब्ध रेलवे मार्ग के मद्देनजर परियोजना के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया है. वहीं 27-2-18 को प्राप्त सूचना के अनुसार बापूधाम मोतिहारी सीतामढ़ी भाया शिवहर नई लाइन परियोजना में अभी तक वर्ष 2017 अठारह में कुल 24 करोड़ 16 लाख 36 हजार का खर्च है. 29-8-2018 के अनुसार मोतिहारी सीतामढ़ी 78.92 किलोमीटर नई लाइन परियोजना पूरक बजट 2007-08 में 221 करोड़ की अनुमानित लागत पर शामिल की गई थी. 31-3-2018 तक इस परियोजना पर 24 करोड़ का व्यय किया गया है. मोतिहारी सीतामढ़ी 78.92 किलोमीटर नई लाइन परियोजना को आसपास के क्षेत्र में उपलब्ध रेलवे मार्गें और परियोजनाओं की वापसी की नकारात्मक दर के संदर्भ में बंद रखा गया है.

अब सीतामढ़ी से शिवहर 28 किलोमीटर तक परियोजना के भाग निष्पादन का प्रस्ताव परीक्षाधीन है. शिवहर भारत का एक पिछड़ा जिला है ऐसे मे रेल लाईन आने से क्षेत्र का तेजी से विकास होगा इतना ही नही इस रेल लाईन के निर्माण हो जाने से क्षेत्र मे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. रोजगार पर्यटन विकास,सुरक्षा आदि के दृष्टिकोण के आवश्यक है शिवहर में रेलवे लाईन. नेपाल सीमा समीप है इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अत्यंत आवश्यक है रेल सेवा शुरू होने के बाद इस मार्ग पर स्थित रेलवे स्टेशनों पर छोटे व बड़े व्यापार करने का लोगों को मौका मिलेगा. इससे जहां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी,वहीं पिछड़ेपन से जूझ रहे आसपास के जिले का भी विकास तेजी से होगा. जिले के कई गांव विकास की मुख्य धारा से जुड़ेंगे. ट्रेनों से महरूम जिले की अधिकांश आबादी को लाभ मिलेगा.

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