गोपालगंज में बीमार पिता के इलाज के लिए पैसे लेने आये पुत्र की बाइक आमने-सामने भीड़ में मौत
गोपालगंज के सिधवलिया में बीमार पिता के इलाज के लिए पैसे लेने आये पुत्र की बाइक आमने-सामने भीड़ गई। जिसमे उसकी मौत मौके पर ही हो गई। जबकि दुसरे की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना सलेमपुर-सरफरा मार्ग पर सिधवलिया थाने के सरेया पहाड़ गांव के समीप की है। घटना के बाद ग्रामीण उग्र गये तथा एनएच 28 को मधुबनी गांव के समीप जाम कर हंगामा करने लगे। बाद में मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक मंजीत सिंह और पुलिस के समझाने के बाद लोग शांत हो सके। वही पूर्व विधायक ने डीएम से वार्ता की। तथा मृतक के परिजनों को चार लाख मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिलाया। तब जाकर लोग शांत हो सके। घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मिली जानकारी के अनुसार सिधवलिया थाने के कल्याणपुर मठिया गांव के राम जी सिंह का पुत्र बीमार पिता और माँ के इलाज के लिए दिल्ली से घर पैसे लेने आया था। वह बगल के गांव बरहिमा में बुधवार की रात किसी साहूकार से जमीन पर पैसे की बात कर घर लौट रह था।तभी पीछे से आ रही एक बाइक ने उसे जोरदार धक्का मार दिया। जिसमे सुमित की मौत मौके पर ही हो गई। जबकि दूसरा उसी थाने के सलेमपुर गांव निवासी मन्टू बैठा गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उसे जख्मी हालत में सदर अस्पताल लाया गया। जहां से चिंताजनक हालत में उसे बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया।
सुमित के मौत से मर्माहत लोग एनएच 28 को सिधवलिया के मधुबनी गांव के समीप जाम कर हंगामा करने लगे। वे मृतक के लिए मुआवजे की मांग पर अड़े रहे है। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर बरौली और मांझा थानाध्यक्ष को भी बुलाया गया। लेकिन चार घंटे जाम के बाद मौके पर पहुंचे जदयू महासचिव एवं पूर्व विधायक मंजीत सिंह के डीएम से वार्ता और मुआवजे के आश्वाशन के बाद लोग शांत हुए। तब जाकर एनएच पर यातायात बहाल हो सका। इस दौरान गाड़ियों की लम्बी कतार लग गई ।जिसे प्रशासन के काफी मशक्कत के बाद दो घंटे में खाली कराया जा सका।
बता दे की सुमित के पिता काफी दिनों से बीमार थे। उनकी एक किडनी खराब हो गई थी। जिसका ट्रांसप्लांट दिल्ली के किसी अस्पताल में कराया गया था। रामजी सिंह की पत्नी ने अपना एक किडनी देकर पति की जान बचाई थी।किडनी ट्रांसप्लांट के बाद माँ और पिता दोनों ही अस्पताल में एडमिट थे। जिसे डिस्चार्ज कराने के लिए अभी दो लाख भुगतान करना था। उसी पैसे के व्यवस्था में सुमित घर आया था।
जमीन पर वार्ता के बाद खरीदार ने गुरुवार को पैसा देने की बात कही थी। जिसके बाद उसने अपने माँ पिता से बात कर फोन पर बताया भी था। उसने कहा कि मै एक से दो दिन में पैसे लेकर आ जाऊंगा।
पिता रामजी सिंह बेटे के पैसे लेकर आने के इंतजार में थे। तब तक यह मनहूस खबर उनके कानों तक पहुंच गई। हालाकिं चंद मिनट पहले बेटे से बात हुई थी। उसने पिता को बोला था की कल पैसे की व्यवस्था हो जाएगी। मै शुक्रवार तक हर हाल में पहुंच जाउंगा। लेकिन शायद ईश्वर को यही मंजूर था। मौत की मनहूस खबर मिलते ही माँ और पिता दिल्ली से घर के लिए रवाना हो चुके है। वही उसकी मौत ने पूरे गांव को ही झकझोर कर रख दिया है। गुरुवार की सुबह गांव के किसी घर में चूल्हा तक नहीं जला।पिता के पहुंचने के बाद सुमित का अंतिम संस्कार किया जायेगा।
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