विजय माल्या के देश छोड़ने पर कसा शिकंजा, एसबीआई अन्य बैंको के 7 हजार करोड़ की देनदारी
अपनी बेहद तड़क भड़क वाली जीवन शैली और हर साल स्विम सुट कैलेंडर के जरिये पेज थ्री के चहेते विजय माल्या पर बैको का लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपया बकाया है।
देश के बड़े बैंको में शुमार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बड़े डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। इसी कवायद में बैंक इस बात की कोशिश कर रहा है कि किंगफिशर से जुडे़ विजय माल्या किसी भी सूरत में देश छोड़कर बाहर न जा सकें। विजय माल्या की स्वामित्व वाली कंपनी पर बैंकों को सात हजार करोड़ से ज्यादा बकाया है। जिसे वो चुकता करने में नाकाम रहे हैं। इसके अलावा एसबीआई की तरफ से इस बात की भी कोशिश की जा रही है कि माल्या अपनी पूरी संपत्ति की खुलासा करें।
एसबीआई की मुखिया अरुंधति भट्टाचार्य ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल से अपील की है कि वो माल्या के पासपोर्ट को जब्त करने की कार्रवाई करे ताकि वो किसी भी हालत में देश न छोड़ सकें। बताया जा रहा है कि शराब के बड़े कारोबारी विजय माल्या लंदन में बस सकते हैं। माल्या को उधार देने वाले 15 समूहों ने एसबीआई को उनसे कर्ज चुकता करने के लिए अधिकृत किया है। सनद रहे कि मुख्य रूप से आइडीबीआइ बैंक ने इसे 900 करोड़ रुपये का लोन दिया था। इसके अलावा भी कंपनी ने कई बैंकों से लगभग सात हजार करोड़ का लोन ले रखा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इसे 1,600 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक ने 800 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया ने 650 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 550 करोड़ रुपये का लोन दे रखा है। इसके अलावा यूनाइटेड स्प्रीट्स में साझेदार लंदन की डिएगो प्राइवेट कंपनी से 500 करोड़ के सौदे पर भी नजर रखने का आग्रह किया गया है।
पिछले महीने एसबीआई ने मुंबई एयरपोर्ट के पास किंगफिशर बिल्डिंग की बिक्री पर रोक लगा दिया था। इसके अलावा पिछले साल नवबंर में बैंक ने ये साफ कर दिया था कि माल्या को जानबूझकर बैंकों का कर्ज चुकता नहीं कर रहे हैं। बैंक ने तात्कालिक कार्रवाई करते हुए उनके लोन लेने पर रोक लगा दी थी।
सनद रहे कि देश बैंकों की एनपीए में बढो़तरी चिंता का सबब बना हुआ है। बैंकों के टोटल लोन का 14 फीसदी हिस्सा उन लोगों के खाते में है जो जानबूझकर कर्ज चुकाने में हीलाहवाली करते हैं। बताया जा रहा है एसबीआई अपने इस कदम से संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वो किसी भी सूरत में डिफॉल्टर्स के साथ नरमी नहीं बरतेगा। और बड़े बकाएदारों को हर हाल में कर्ज चुकाना ही होगा।
2012 में किंगफिशर एयरलाइन कर्जों को चुकाने में नाकाम रहा था। तब कर्ज देने वालों को सात हजार करोड़ की रकम को माफ करना पड़ा। हालांकि बैंकों की इस बात की जानकारी थी कि विजय माल्या के पास कर्जों को चुकाने के लिए संसाधनों की कमी नहीं है।