गोपालगंज में युवतियों से सोशल मीडिया पर दोस्ती कर कुछ शरारती मनचले कर रहे है ब्लैकमेल
साइबर क्राइम सिर्फ आर्थिक फर्जीवाड़ा तक ही सीमित नहीं, ऑनलाइन बाल अधिकार हनन व यौन उत्पीडऩ के मामले भी चिंताजनक स्थिति तक बढ़ गए हैं। पिछले दो माह के दौरान ग़ोपालगंज में इस तरह के आधा दर्जन मामले सामने आए हैं। अब पुलिस ने समस्या की गंभीरता को समझा है। लड़कियों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर केंद्रीय महिला एवं बाल अधिकार मंत्रालय भी गंभीर है। ग़ोपालगंज में बीते कुछ महीनों से युवतियों के सोशल मीडिया को हैक कर कुछ शरारती लोग लड़कियों के साथ ब्लैकमेलिंग का काम कर रहे है। जिससे पूरे जिले में सनसनी का माहौल बन गया है। जिले की कई लड़कियां इसकी शिकार बन चुकी है। शिकार लड़कियां शर्म के मारे इसे खुद ही झेल रही थी और पुलिस से इसकी शिकायत करने से परहेज कर रही थी। जिससे इन मनचलो का लगातार मन बढ़ता जा रहा था।
सोशल मीडिया पर जादोपुर थाना क्षेत्र की एक पीड़िता ने बताया कि एक लड़के ने उससे फेसबुक के द्वारा चैट करता था। अपने मनमोहक बातो से उसने लड़की को दोस्त बना लिया। दोस्त बनाने के बाद उसकी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर उसे अश्लील बना दिया और उसे फेसबुक पर अपलोड करने की धमकी देकर उसे यहां वहां बुलाने लगा। जिसके बाद डरते-डरते यूवती ने इस बात की सूचना अपने परिजनों को दिया।
ऐसी ही एक घटना छह दिन पूर्व मीरगंज थाने के एक गांव में हुआ। जिसमे एक युवती के फेसबुक एकाउंट को हैक कर कुछ बदमाशों ने अश्लील तस्वीर पोस्ट कर दी। जिससे उसका निकलना मुश्किल बना गया है। उसकी मां ने दो दिन पूर्व गांव के ही 6 लोगो के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करायी है। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।
वहीं अक्टूबर में महम्मदपुर थाने के एक गांव की युवती के साथ गांव के ही तीन युवकों ने सामूहिक अश्लील हरकत की थी। युवती ने जब इसका विरोध किया तो तीनों युवकों उसे जान मारने व वीडियो वायरल करने की धमकी दी। घटना शौच के बाद घर अकेले लौटने के दौरान युवती के साथ हुई थी। बाद में तीनों युवकों के चंगुल से भागी युवती ने घटना की जानकारी मां से दी। मामले में चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
विभागीय जानकारी के मुताबिक पिछले छह माह के दौरान जिले में लड़कियों से जुड़े साइबर अपराध के आधा दर्जन मामले सामने आए हैं। पुलिस भी मानती है कि लोक लाज के कारण ऐसे अधिकांश मामले उजागर ही नहीं हो पाते। लड़कियां अपने परिवार तक को इसकी जानकारी नहीं देते। ऐसे मामले पुलिस के लिए भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। हैकर रोज नए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे है। जिससे उन्हें खोज पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।