गोपालगंज में ईद-उल-अजहा की अदा की गई नमाज, गले मिलकर दी गई बधाई
गोपालगंज में बुधवार को पूरे जिले में परंपरागत ढंग से ईद-ए-कुरबानी मनाई गई। इस पर्व पर मुसलमान भाइयों ने मस्जिदों में बकरीद की नमाज अदा की और घरों पर आकर बकरे की कुर्बानी दी। मस्जिदों में नमाज अदा करने वालों की भीड़ देखी गई। बकरीद को लेकर सुरक्षा की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रही। जिला मुख्यालय सहित चिन्हित किए गए तमाम स्थानों पर सुरक्षा बल तैनात रहे।
बकरीद को लेकर मुसलमान भाइयों ने दो दिन पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। बुधवार की सुबह बकरीद के मौके पर नमाज अदा करने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। शहर के दरगाह मस्जिद, बड़ी मस्जिद सहित जिले के सभी मस्जिदों में बकरीद की नजाम अदा करने के बाद मुस्लिम भाइयों ने अपने अपने घरों पर बकरे की कुर्बानी दी।
दरगाह मस्जिद के इमाम ने बताया कि ईद-उल-अजहा को बकरीद भी कहा जाता है। अपने रब की राह में कुर्बानी के जज्बे से लबरेज होकर राहे खुदा में उनका सच्चा फरमावदार बन जाना ही इस पाक पर्व का मकसद है। उन्होंने बताया कि पैगंबर इब्राहिम से खुदा ने अपनी राह में सबसे अजीज चीज की कुर्बानी देने का हुक्म किया तो वे अपने कलेजे के टुकड़े बेटे हजरत इस्माइल को खुदा की राह में कुर्बानी करने को तैयार हो गए। यह था जज्बा-ए-इब्राहिम। जिसने कुर्बानी व खुदा की फरमावदारी करने की एक अजीम मिशाल कायम की। यह वहीं पैगंबर इब्राहिम थे, जिन्हें जब उनके रब ने आवाज दी, तो नंगे पांव दहकते अंगारे पर चल पड़े।