बृजनाथी हत्याकांड में दोनों कुख्यात भाइयों सुबोध और सुनील राय को एसआईटी ने उठाया
- सूत्रो का दावा है की कुख्यात सुनील उर्फ़ लगड़ा के पास दो एके 47 है। जो इसने किसी ज्ञानी के माध्यम से मधेपुरा से ख़रीदा है।
- यही वो दोनों एके 47 है जिनसे महराज गंज के बाहुबली पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के छपरा स्थित घर पर फायरिंग की गई थी। राय ब्रदर्स के दोनों शूटर अविनाश और मुकेश अब भी छपरा जेल में है।
- गिरफ़्त में आये सुनिल राय उर्फ़ लगड़ा और सुबोध राय सगे भाई है, पुरे इलाके में सुनील गोप उर्फ़ सुनील डॉन उर्फ़ सुनील राय का आतंक है।
- पीपा पुल का टेंडर भी इन्ही दोनों भाइयों नाम से खुला है।
बाहुबली व लोजपा नेता बृजनाथी सिंह हत्याकांड में नामजद अभियुक्त सुनील राय उर्फ़ लगड़ा और सुबोध राय को एसआईटी ने इनके प्लांट से गिरफ्तार कर लिया। घटनास्थल से चंद मीटर क8 दुरी पर है इनका प्लांट। यही से रविवार को गिरफ्तार कर लिया। शुरूआती संकेतों के आधार पर कहा जा सकता है कि कुल एक दर्जन लोगों ने घटना को दिया है। अंजाम लेकिन मुख्य रूप से 4 पेशेवर हत्यारों ने 47 से हत्याकांड को दिया है अंजाम। वही सुनील राय उर्फ़ लगड़ा और सुबोध राय से जुड़े अन्य आठ अन्य लोगों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है।
कुख्यात सुबोध और सुनील का इलाके में अच्छा ख़ासा आतंक है। बड़े भाई सुबोध की पत्नी अनीता देवी पहले राघोपुर प्रखंड प्रमुख थी पर बृजनाथी सिंह ने अपनी तिकडम मुन्नी देवी को काबिज करवा दिया।
वही 35 वर्षीय सुनील राय भी कई हत्याकांडों में शामिल रहा है। तक़रीबन 4 साल पहले विरोधी गिरोह से भिड़ंत में घायल सुनील को पैर में गोलिया लगी थी जिसके बाद ऑपरेशन से पैर में रॉड लगाया गया। तब से सुनील गोप उर्फ लगड़ा के नाम से जाना जाने लगा। दोनों भाइयों का इलाके में बड़ा नाम है साथ ही कई ठिका पट्टा पर कब्ज़ा है। पीपा पुल का भी टेंडर इन्ही दोनों भाइयों द्वारा लिया गया है। इसी की मरम्मत और देखभाल के लिए कच्ची दरगाह के समीप ही इनका हॉट मिक्स प्लांट है। इसी प्लांट से दोनों भाइयो के साथ इनके कई समर्थको को पुलिस ने उठाया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने सोनपुर और छापर देहात में अपनी हनक बढ़ा दी है। वही शुरूआती सफलता से उत्साहित एसआईटी अब जल्द ही सभी अपराधियों को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है।
ब़ृजनाथी सिंह की हत्या की जांच के लिए शनिवार को एसआईटी गठित कर दी गई है। ग्रामीण एसपी ललन मोहन प्रसाद के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम बनाई गई है। टीम ने जांच शुरू कर दी है। घटना के मूल में प्रथम दृष्टया राजनीतिक रंजिश की बात सामने आई है। मृतक के बेटे राकेश रोशन के बयान पर फतुहा थाने में राघोपुर प्रखंड की पूर्व प्रमुख अनिता देवी के पति सुबोध राय के अलावा मुन्ना सिंह, रणविजय सिंह उर्फ बबलू सिंह और सुनील राय उर्फ़ लगड़ा को नामजद किया गया था। जबकि दस अज्ञात पर भी एफआईआर दर्ज की गई है। एसआईटी के साथ एसटीएफ और पटना पुलिस की टीम पटना से लेकर हाजीपुर, छपरा, राघोपुर और आसपास जिलों में छापेमारी कर रही है।
वही इस हत्याकांड के बाबत राकेश का दावा है कि गाड़ी में सवार मां वीरा ने इन चारों नामजदों को फायरिंग करते देखा है। अज्ञात का नाम नहीं जानती लेकिन सामने आने पर मां उसे भी पहचान लेगी। एनएमएसीएच में बृजनाथी के शव का पोस्टमार्टम होने केे बाद उनकी लाश चार बजे सुबह फतेहपुर पहुंची। शव पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया। हत्या के विरोध में राघोपुर और फतेहपुर में दुकानें बंद रहीं। देर शाम बृजनाथी के शव का बिदुपुर के खलसा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वही एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि मृतक के चालक बैजूनाथ से घटना की जानकारी ली गई है फिर उससे पूछताछ होगी। यही नहीं कच्ची दरगाह मोड़ स्थित मकान में जहां अपराधी छिपे थे, उसके मालिक से भी पूछताछ की जाएगी। एसआईटी के अलावा पटना पुलिस की टीम भी अपराधियों का सुराग लगाने में जुटी है।
वही एडीजी (मुख्यालय) सुनील कुमार ने कहा कि हत्याकांड में अभियुक्त बनाए गए मुन्ना सिंह के साथ बृजनाथी का दो तीन चुनावों से मतभेद चल रहा था। हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। गोलियों के खोखे जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री भेजे गए हैं।