गोपालगंज चनावे जेल में बंद कैदी बनेंगें कुशल कारीगर, नई ज़िन्दगी की करेंगे शुरआत
वैसे तो जेल को सुधारगृह कहा जाता है लेकिन आम धारणा है कि मामूली जुर्म में अंदर गया शख्स भी सुधरने के बजाय और बिगड़ कर बाहर निकलता है और इसी अवधारणा को बदलने के लिए गोपालगंज जिले के चनावे जेल में जिला प्रशासन की मदद से कैदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है । कारा में कैदियों को प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जा रहा है ।
कारा अधीक्षक संदीप कुमार ने बताया की मंडल कारा चनावे बिहार का पहला मंडल कारा होगा जहां कैदियों को प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास केंद्र खोला जा रहा है। इस केंद्र में कैदियों को कूल 221 प्रकार के ट्रेड में वोकेशनल प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कारा में बंद महिला व पुरुष कैदियों को अगरबत्ती, ब्यूटीशियन, आभूषण निर्माण, स्पोर्ट्स, डेयरी फार्म, फिटर और इलेक्ट्रिशियन सहित लगभग 221 प्रकार के ट्रेड की जानकारी दी जाएगी।
उम्मीद की जा रही कि यह प्रशिक्षण सफल रहा तो जेल से बाहर आने वाले कैदी कुशल कारीगर बनकर निकलेंगे और रिहाई के बाद उनके पास न केवल नए सिरे से ज़िन्दगी शुरू करने के लिए पूंजी होगी बल्कि हाथ में हुनर भी होगा और उनके पास नौकरी की संभावनाएं मौजूद होंगी ।