गोपालगंज में फिल्म पद्मावत के विरोध में फिल्म के निदेशक का फूंका गया पुतला
गोपालगंज जिले सहित पूरे देश में फिल्म पद्मावत के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। गोपालगंज में क्षत्रिय समाज के लोगों के जबर्दस्त विरोध की वजह से जिले के किसी भी सिनेमा हॉल में फिल्म पद्मामत नहीं लगी है। गुरुवार को क्षत्रिय समाज द्वारा शहर के मौनिया चौक पर फिल्म पद्मावत के निदेशक संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका गया। क्षत्रिय समाज का नेतृत्व करने वाले पंकज सिंह राणा के मुताबिक फिल्म पद्मावत में पद्मावती के चरित्र को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इस फिल्म के प्रदर्शन से देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत पहुंच रही है। ऐसे में केन्द्र सरकार को इस फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगा देनी चाहिए।
गौरतलब है की दो दिन पहले भी क्षत्रिय समाज के लोगों ने जिले के सभी सिनेमाघरों के बाहर प्रदर्शन किया था और प्रदर्शन के बाद सिनेमा घर मालिकों को गुलाब देकर फिल्म ना दिखाने की मांग की थी। क्षत्रिय समाज के विरोध के बाद जिले के किसी भी सिनेमा घरो में फिल्म पद्मावत का प्रदर्शन नहीं किया जा रहा है।
वहीं बैकुंठपुर प्रखंड के बामो निवासी सुनील सिंह के नेतृत्व में दिघवा दुबौली डांक बंगला चौक से प्रदर्शन का शुरुआत किया गया। दिघवा दुबौली बाजार होते हुए प्रखंड मुख्यालय के समीप चौक पर फिल्म पद्मावत के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली का पुतला दहन कर प्रदर्शन की समाप्ति की गई। प्रदर्शन के दौरान बाजार की सभी दुकाने बंद रही। साथ ही एसएच-90 का परिचालन बाधित कर प्रदर्शनकारियों द्वारा आगजनी किया गया। प्रदर्शनकारियों ने एक सुर में कहा कि “देवी पद्मावती का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान”। प्रदर्शनकारियों द्वारा फिल्म पद्मावत के चलन पर रोक लगाने एवं संजय लीला भंसाली पर आपराधिक मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की गई। राजपुताना समाज के लोगों का कहना है, कि कभी किसी राजपूत ने किसी के इतिहास से छेड़छाड़ नहीं किया तो फिल्म पद्मावत के माध्यम से राजपूतों के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना दंगा भड़काने सहित बहुत बड़े अपराध के बराबर है। आंदोलनकारियों में मुख्य रूप से बिकु सिंह, दिलीप सिंह, मुकेश सिंह, मुन्ना कुमार सिंह, अंकु कुमार मनोज सिंह, गुड्डू सिंह, धर्मेंद्र सिंह, प्रमोद सिंह, पप्पू सिंह, बबन सिंह, संजय सिंह, गुड्डू सिंह, संतोष सिंह, हरीश कुमार सिंह, हरेन्द्र सिंह, रामानंद सिंह, चुन्नू सिंह, राजकुमार सिंह, अवधेश सिंह, दीना सिंह सहित सैकड़ों राजपुताना समाज के लोग शामिल थे।