गोपालगंज में होमियोपैथ डॉक्टर ने मत्स्यपालन के क्षेत्र मे रचा इतिहास
गोपालगंज के इलेक्ट्रो होमियोपैथ के प्रसिद्ध चिकित्सक ने मत्स्यपालक बनकर मत्स्यपालन के क्षेत्र मे पहचान इतिहास रचा है.
पिछले एक दशक से डॉ. विनोद कुमार ने इलेक्ट्रो होमियोपैथ मे अपनी प्रसिद्धि अर्जित कर मरीजों के दिल पर अपनी अलग पहचान कायम की है. जिले के पहले चिकित्सक हैं जो पिछले एक दशक से बगैर फीस लिए मरीजो की जांच कर दवा लिखते हैं और इलेक्ट्रो होमियो के क्षेत्र मे अपना दबदबा कायम किए हुए हैं.
जिले के राष्ट्रीय उच्चपथ संख्या 101 पर ब्रजकिशोर हॉल्ट के समीप मरीजों की कतार देख सहज ही डॉ विनोद कुमार की प्रसिद्धि का अंदाजा किया जा सकता है. डॉ विनोद कुमार सहज स्वभाव के मेहनतकश किसान भी हैं. लगभग दो एकड़ के जलग्रहण क्षेत्र मे मछलीपालन कर किसानो के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हैं. डॉ विनोद कुमार को प्रसिद्ध चिकित्सक होने का जरा भी गुमान नही है. मरीजो के इलाज के बाद डॉक्टर विनोद कुमार मछलीपालन वाले तालाब की ओर चल पड़ते हैं. स्वंय मछलियों का दाना, दवा तालाब मे डालते हैं.
डॉ विनोद कुमार बताते हैं कि मछली पालन आज के युग मे कृषकों के लिए लाभकारी ही नही आर्थिक दृष्टि से भी कारगर है. उन्होने तालाब मे पंगेसियस, रोहु, कतला, ग्रास आदि मछलियों का उत्पादन किया है. उनके तालाब की मछलियां गोपालगंज, सारण एवं सीवान के स्थानीय बाजारों मे अच्छी कीमत पर बिकती हैं. आज मछलियो के पालन से उनका परिवार काफी खुशहाल है. मछलियों के जलक्रीड़ा के डॉक्टर विनोद कुमार काफी शौकीन हैं.