बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, 202 की मौत, ट्रेनों का परिचालन बंद
बिहार में बाढ़ की भयावहता बनी हुई है. बाढ़ से अब तक मरनेवालों की संख्या 202 हो गयी है. बूढ़ी गंडक का पानी जहां मुजफ्फरपुर शहर के कुछ इलाकों में घुस गया है, वहीं शहर की लाइफलाइन अखाड़ाघाट पुल पर बड़े वाहन का प्रवेश रोक दिया गया है. उधर हायाघाट रेल पुल पर बागमती के पानी के दबाव कारण समस्तीपुर-दरभंगा रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है. गोपालगंज में तो स्थिति आैर खराब हो गयी है. बिगड़ते हालात को देखते हुए सेना ने कमान संभाल ली है.
छपरा और सीवान जिले के भी दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. वहीं पूर्वी चंपारण में शनिवार को मेहसी प्रखंड में पानी घुस गया. सीतामढ़ी में लखनदेई ने तबाही मचायी है. मधुबनी के बेनीपट्टी की दर्जनभर पंचायतों का संपर्क कट गया है. शनिवार को बाढ़ में डूब कर 17 की मौत हो गयी. पूर्वी चंपारण में आयी बाढ़ एक सप्ताह से तांडव मचा रही है. शनिवार तक जिले के 21 प्रखंडों की 213 पंचायतों की 20 लाख की आबादी प्रभावित हुई है.
17 जिले अब भी बाढ़ की चपेट में : राज्य में बाढ़ से अब तक मरनेवालों की संख्या 202 हो गयी है. राज्य के 17 जिले बाढ़ के पूर्णत: या आंशिक चपेट में आ गये हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने का काम युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. अब तक सरकार द्वारा कुल 1336 राहत शिविरों की स्थापना की गयी. इसमें चार लाख 22 हजार 106 लोग निवास कर रहे हैं. राहत शिविरों में रहनेवाले लोगों के लिए 1879 सामुदायिक रसोइघर चलाया जा रहा है. इसमें तीन लाख 72 हजार 334 लोगों को भोजन कराया जा रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ प्रभावित इलाके खासकर सुगौली व उसके आसपास के इलाके, पश्चिम चंपारण जिले के गौनाहा प्रखंड, चनपटिया, नरकटियागंज अनुमंडल, पूर्णिया जिले के बायसी अनुमंडल, अररिया और किशनगंज के प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से कुल 49 खेप में 19 हजार 583 पैकेट जिसमें 78 हजार 334 किलोग्राम सूखा राशन गिराया गया. इसके साथ ही शनिवार से सुगौली व उसके आसपास के इलाके में हेलीकॉप्टर से सघन रूप से सूखा राशन गिराने के लिए एक अतिरिक्त हेलीकॉप्टर सुगौली में तैनात किया गया है. बाढ़ राहत कार्य में एनडीआरएफ की 28, एसडीआरएफ की 16 और सेना की सात टीम लगायी गयी है. इसमें कुल 2228 जवानों को तैनात किया गया है.
मधुबनी में कोसी, कमला, भूतही बलान नदियों की जलस्तर में बीते तीन दिनों से कमी हो रही है. जिससे अब उन जगहों पर भी बचाव एवं राहत काम शुरू हो गया है. जहां पर नहीं पहुंच सका था. इधर, बाढ़ से अब करीब 7.5 लाख लोग प्रभावित हो गये हैं. यह आंकड़ा दिन व दिन बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को प्रभावित लोगों की संख्या करीब छह लाख थी. नदियों के जल स्तर में कमी को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिये गये हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही सेना के जवान भी पूरी तरह बाढ़ में बचाव एवं राहत में लगे हुए हैं. शनिवार को बाढ़ के पानी में डूबने से फिर तीन लोगों की मौत हो गयी. इसके साथ ही बाढ़ में मरने वालों की संख्या 14 हो गयी है.
जिला में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जगह-जगह बांध टूटने का सिलसिला जारी है. शनिवार की सुबह शहर से सटे गौसाघाट के नवटोल में कमला नदी का बांध ध्वस्त हो गया. इससे दर्जन भर गांव में बाढ़ का पानी तेज गति से फैल गया है. इसका पानी शहरी क्षेत्र की ओर तीव्र रफ्तार से बढ़ रहा है. वहीं जाले प्रखंड में डूबने से एक युवक समेत तीन लोगों की मौत हो गयी है. दूसरी ओर थलवारा-हायाघाट स्टेशनों के बीच पुल संख्या 16 पर पानी का दवाब अत्यधिक बढ़ जाने के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर परिचालन बंद कर दिया गया है. इधर बागमती नदी का पानी लगातार शहरी क्षेत्र में फैल रहा है. करीब दर्जन भर नये मुहल्ले में पानी प्रवेश कर गया है.