पत्रकार ने खुद खून देकर बचाई असहाय बच्ची की जान।
गोपालगंज। कोई चाहे किसी भी पेशे से जुड़ा हो, लेकिन पहले वह इंसान होता है। इसकी एक मिसाल आज सदर अस्पताल में देखने को मिली। पत्रकार एवं प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के सदस्य जय प्रकाश मिश्र ने खून के लिए परेशान असहाय बच्ची नूरजहाँ को खून देकर जान बचाई। इसकी चर्चा कोई क़ौमी एकता को लेकर कर रहा है तो कोई पत्रकारिता के दूसरे पहलू के रूप में कर रहा है। गोपालगंज ब्लड डोनर टीम के सदस्य ओ प्लस ग्रुप के लिए डोनर की तलाश कर ही रहे थे। इसकी जानकारी सोशल मीडिया से जय प्रकाश मिश्र को मिली। उन्होंने तुरन्त इस टीम के सदस्य से मुलाकात की और खून दान करने की हामी भर दी।
श्री मिश्र ने बताया कि आज मुझे सौभाग्य मिला कि मैं अपने खून से असहाय बच्ची की जान बचाया। बच्ची की हालत देख मुझे काफी दुःख हुआ। मुझे लगा कि मेरे रगों में खून रह कर क्या होगा। जो किसी के काम न आये। हमने तुरन्त अपना खून दिया। पत्रकार भी पहले इंसान होता है। हमने यह भी वादा कि इसके अलावा भी हर तरह से सहयोग के लिए तैयार हूँ।
गोपालगंज ब्लड डोनर टीम के सदस्य अनवर ने बताया कि नूरजहाँ बेगम चौराव गांव की रहने वाली है। परिवार में कोई दूसरा सदस्य नहीं है। गरीब एवं असहाय परिवार है। ओ प्लस खून की जरूरत है। जय प्रकाश मिश्र से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने एक बार में ही खून देने को तैयार हो गए और 10 मिनट के अंदर ही सदर अस्पताल पहुँच गए।
आज एक गरीब बच्ची की जान बचाकर एक पत्रकार ने अपने पेशे के धर्म से भी आगे बढ़कर मानव होने का फर्ज अदा किया है। इतना ही नहीं यह क़ौमी एकता की भी मिसाल है। हिन्दू का खून मुस्लिम के लिए काम आया।
जय प्रकाश मिश्र जिले के लुहसी गांव के रहने वाले हैं। दिल्ली में पत्रकार हैं। सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं।