बिहार

शिक्षा मंत्री का कोचिंग संस्थानो के मनमानी पर कडा रुख, अधिकारियों को निर्देश जल्दी रिपोर्ट करें पेश

पटना, प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा कोचिंग संस्थानो के मनमानी पर कडा रुख अख़्तियार करने के बाद विभाग काफी सक्रिय हो गया है। कोचिंग संस्थानों के निबंधन को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा सभी शिक्षा पदाधिकारियों से के पत्र के द्वारा कड़े निर्देश जारी किया गया हैं। तय सीमा पर निबंधित व आवेदित कोचिंग संस्थानों की रिपोर्ट बिहार शिक्षा विभाग पटना को नहीं भेजी गई है। जिससे शिक्षा मंत्री काफी नाराज है और कोताही बरतने वाले शिक्षा विभाग ने अधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

सरकार द्वारा निर्देश जारी किया गया था कि बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम(नियंत्रण और विनियमन) के तहत सभी कोचिंग संस्थानों से तय समय सीमा के अंदर निबंधन कराने को कहा गया था। यह भी कहा गया था कि यदि ऐसा नहीं करते तो संस्थानों पर सरकार बाध्य हो तालाबंदी कर देगी। निबंधन की सीमा 31 जनवरी 2017 तय की गई थी। पत्रांक 1102 के अनुसार जिले के सभी शिक्षा पदाधिकारी को 11 अप्रैल 2017 तक अपने जिले से सभी आवेदित व निबंधित कोचिंग संस्थानों की संख्या, ऐसे कोचिंग संस्थान जिन पर कार्रवाई की गई इसकी पूरी रिपोर्ट शिक्षा विभाग पटना भेजना था। परंतु इस संबंध में अभी तक कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। निदेशक शिक्षा विभाग द्वारा एक पत्र जारी करते हुए सभी जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अब 25 अप्रैल तक कोचिंग संस्थानों की रिपोर्ट हर हाल में सौंपे। ऐसा नहीं करने पर उच्चाधिकारी द्वारा अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व में हुई बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा था कि शिक्षा में गुणवत्ता के लिए विभाग द्वारा ऑपरेशन क्लीन का दूसरा चरण प्रारंभ पूरी मुस्तैदी से किया जाए। उन्होंने याद दिलाया कि राज्य सरकार ने 2010 में बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनिमय अधिनियम) बनाया था। परन्तु इसके प्रावधानों को कड़ाई से लागू अब तक नहीं किया जा सका है। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए मंत्री महोदय द्वारा 31 जनवरी तक की मोहलत दी गई। इस अवधि में तमाम निजी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जो ऐसा नहीं करेंगे उनसे दंड वसूला जाएगा और जरूरत पड़ी तो उन्हें बंद भी किया जाएगा।

बैठक की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी द्वारा किया गया। विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि 10 या इससे कम छात्र वाले कोचिंग को रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होगी।

बता दें कि बिहार कोचिंग नियमावली 2010 के अनुसार संस्थानों को तीन वर्ष के निबंधन किया जाता है। कोचिंग संस्थानों द्वारा मनमाना शुल्क वसूले जाने से रोकना और छात्रों को बेहतर पढ़ाई उपलब्ध करवाना इस नियमावली काा उद्देश्य है। लगातार नियमावली के पालन नहीं होने की शिकायत मिल रही है जिस पर अंकुश लगाना जरूरी है।

10 हजार से अधिक कोचिंग संस्थान प्रदेश में संचालित हैं। अकेले राजधानी पटना में ही एक हजार से अधिक कोचिंग संस्थान है। नियमावली का उल्लंघन करने पर पहली बार पकड़े जाने पर 25 हजार रुपए दंड का प्रावधान है। यदि दूसरी बार दोष साबित हिता है तो एक लाख रुपये जुर्माना और तीसरी बार दोषी पाए जाने पर कोचिंग संस्थान को बंद किये जाने का प्रावधान है। शिक्षा मंत्री के कड़े रुख के बाद विभाग के आला अधिकारियों का रवैया कैसा रहता है यह समय बतायेगा।

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