इलाहाबाद में बीएसपी नेता मोहम्मद शमी की गोली मारकर हत्या, महज 4 वोट से हारे थे चुनाव
योगी आदित्यनाथ के यूपी का सीएम बनते ही इलाहाबाद में एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया। शहर के मऊआइमा थाना इलाके में उस दहशत फैल गई जब बसपा नेता मोहम्मद शमी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद बसपा कार्यकर्ताओं और शमी के करीबियों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए इलाहाबाद-प्रतापगढ़ हाईवे जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। अधिकारियों के काफी समझाने के बाद स्थित नियंत्रण में हुई। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश बताई जा रही है।
मोहम्मद शमी 2002 मेंसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे। उस वक्त राजा भैया निर्दलीय चुनाव लड़े थे और उन्हें बीजेपी ने सपोर्ट किया था।, शमी बसपा छोड़ कर सपा में शामिल हुए थे। बताया जाता है कि मो. शमी पर हत्या, लूट, डकैती, मारपीट, धमकी समेत करीब 20 से ज्यादा क्रिमिनल केस दर्ज थे। वह जेल भी जा चुके थे, लेकिन इलाके में उनकी काफी पकड़ थी। मो. शमी के बेटे इम्तियाज अहमद की शिकायत पर बीजेपी के मऊआइमा ब्लाक चीफ सुधीर मौर्य, अभिषेक यादव, जाबिर अली और एक अज्ञात शख्स के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मोहम्मद शमी अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं ऐसे में बसपा का बीजेपी पर हमला करना लाजमी है। शमी के परिपार वालों ने जिन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है उसमें भी कई बीजेपी नेताओं के नाम हैं। बसपा का हमला करना इस लिए भी स्वाभाविक है क्योंकि नए सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि एक कट्टरवादी हिंदू नेता की रही है।