शिवहर

शिवहर सदर अस्पताल की स्थिति भगवान भरोसे, अस्पताल में दवा की किल्लत, मरीज परेशान

शिवहर: शिवहर सदर अस्पताल में इन दिनों मरीजो को दावा उपलब्ध नही हो रहा है जिससे मरीजो को बाहर की दुकान पर जाना पड़ता है जो मुहमाँगा रकम लेते हैं। मरीज मजबूरी में दावा खरीदते हैं। दिन में मरीज मार्केट में भी जाकर दावा कुछ कम दाम में खरीद लेते है लेकिन रात 10 बजे के बाद अस्पताल के बाहर लगे दुकान से ही खरीदना पड़ता है। सदर अस्पताल में डिलेभरी की मरीज को अस्पताल से दावा और सुई नही मिलती है और उन्हें मजबूरन बाहर जाना पड़ता है।

सदर अस्पताल में कार्यरत महिला कर्मी उषा देवी से पूछे जाने पर बताती है कि ”हमलोग को दावा ही नही मिलता है तो हमलोग मरीज को क्या दे? जो दवा है वो देते हैं।” वही गीता देवी ने बताई कि “अभी सिर्फ पानी का वोतल उपलब्ध है जो मरीज को चढ़ाया जाता है।”

मरीजो के लिए दावा नहीं और प्रति वर्ष लाखो का दावा होता है एक्सपायर

कुछ ही दिन पहले संघर्षशील युवा अधिकार मंच के कार्यकर्त्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र के आर.टी.आई. से खुलासा हुआ था कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 40 से 50 लाख का दावा एक्सपायर हो गया। और इधर मरीज को अस्पताल से एक इंजेक्शन तक नहीं दिया जा रहा है। आखिर इसमें किसकी मिली भगत है? शर्म की बात तो ये है कि इसके लिए जिला के वरीय अधिकारी का मुह तक नहीं खुल रहा है।

औषधि भंडार कक्ष में ताला लटकते नजर आया

सदर अस्पताल में नियमतः हर सुबिधा 24 घण्टे उपलव्ध रहना चाहिए लेकिन यहां कोई सुविधा नही मिल पा रहा है। मरीज को क्या सिर्फ पानी के बोतल से इलाज होना संभव है? मरीजो को प्रयाप्त दवा क्यों नही मिल रही है?

अस्पताल में चिकित्सक नहीं रहते हैं उपस्थित

सदर अस्पताल शिवहर में कार्यरत नर्स गीता कुमारी ने बताया कि सदर अस्पताल में चिकित्सक की बहुत कमी है और हमलोग को ओवर टाइम ड्यूटी करनी पड़ती है अभी तक बेहतर इलाज के लिए पर्याप्त चिकित्स उपलव्ध नही रहते हैं जिससे हमलोग को ओवर टाइम ड्यूटी करनी पड़ती है।

मरीजो का कहना है कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं सुनते हैं मरीजो की बात

रत्नेश साह ने बताया कि “मेरी पत्नी गीता देवी प्रसव कराने आई हुई है और कल से डॉक्टकर को कह रहे हैं लेकिन कोई नही सुन रहा है। यहाँ रहना मौत को बुलावा देने जैसा है। अब किसी निजी अस्पताल में जाकर इलाज करवाएंगे।”

सदर अस्पताल में शुद्ध पय जल के स्थान पर कचरा का अम्बार

शिवहर सदर अस्पताल में शुद्ध पय जल के नल के पास कचरा का अम्बार लगा हुआ है। मरीज वही के पानी पिने को मजबूर है। तो क्या ऐसे स्थिति में गरीबों की जान बच रही है या जा रही है आप खुद समझ सकते है।

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