पूर्व RJD सांसद शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा
सीवान में हुए चर्चित तेजाब कांड में विशेष अदालत ने पूर्ब सांसद शहाबुद्दीन समेत चार को उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। जज अजय कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को शहाबुद्दीन के अलवा राजकुमार साह, आरिफ व शेख असलम को उम्रकैद व दस-दस हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।
अपहरण के बाद गोरखपुर भाग गया था राजीव रौशन :-
घटना के बाद तीसरा चश्मदीद गवाह राजीव रौशन घर छोड़ कर गोरखपुर भाग गया था। वह डर से सीवान नहीं आना चाहता था। जब पुलिस ने इस कांड में शहाबुद्दीन का नाम लिया तब जाकर राजीव रौशन गवाही देने घटना के सात वर्ष बाद सीवान आया। दोनों अपहृत का बड़ा भाई राजीव रौशन ने खुद को चश्मदीद गवाह बताते हुए कोर्ट में उपस्थित हुआ।
और उसने गवाही में शहाबुद्दीन द्वारा दो लाख की रंगदारी मांगने व प्रतापपुर में उपस्थित होकर दोनों भाइयों को तेजाब से नहलाकर हत्या करने का आरोप लगाया था। उसने साक्ष्य मिटाने का भी आरोप लगाया था।
तेजाब से नहलाकर की गई थी हत्या :-
11 साल पहले व्यवसायी चंदा बाबू के गौशाला रोड में निर्माणाधीन मकान के विवाद के निपटारे के लिए 16 अगस्त 2004 को पंचायती के दौरान मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान तेजाब फेंकने से कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये।
क्या है मामला पूरा मामला :-
सीवान का यह मामला तेजाब कांड के नाम से जाना जाता है। घटना के पीछे प्रॉपर्टी का विवाद था। 16 अगस्त 2004 को कारोबारी चन्द्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश को उनकी दुकान से किडनैप किया गया था। दोनों लड़कों को सीवान के प्रतापपुर गांव ले जाया गया। जहां तेजाब डालकर उनकी हत्या कर दी गई।
कोर्ट के सामने मारे गए लड़कों के भाई ने आई विटनेस के तौर पर कहा कि घटना के वक्त शहाबुद्दीन भी मौजूद थे। और उनके कहने पर ही दोनों लड़कों का मर्डर किया गया। पूर्व सांसद के साथ चार और लोगों को भी दोषी ठहराया गया है।
सबसे अहम गवाह का भी मर्डर :-
इस मामले में सबसे अहम गवाह था राजीव। राजीव मारे गए दोनों लड़कों का भाई था। उसने 2010 में कोर्ट से कहा था कि गिरीश और सतीश के साथ उसको भी किडनैप किया गया था। लेकिन वह भाग निकला। इसके बाद वह गोरखपुर चला गया। 2014 में जब वह अपनी मां की तबियत देखने के लिए लौटा तो उसका भी मर्डर कर दिया गया।