बिहारी डाॅक्टर के सम्मान में मनाया जाता है डाॅक्टर्स डे
1 जुलाई..ये वो तारीख है जिसे पूरा देश डॉक्टर्स डे यानि डॉक्टर दिवस के तौर पर मनाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि हर दिवस के पीछे एक कहानी होती है। डॉक्टर्स डे क्यों मनाया जाता है उसके पीछे की कहानी को जानकर हर बिहारी को गर्व महसूस होगा। हम आज बात करने वाले हैं उस डॉक्टर की जिनकी जयंती और पुण्यतिथि एक ही तारीख को है यानि 1 जुलाई और उनके ही सम्मान में पूरा देश आज डॉक्टर्स डे मना रहा है। हम बात कर रहें हैं डाॅ विधान चंद्र राय की जिनका जन्म 1 जुलाई 1882 को पटना जिला के बांकीपुर गांव में हुआ था। उनके पिता प्रकाशचंद्र राय डिपुटी कलेक्टर थे। पांच भाई बहनों में सबसे छोटे बिधान चंद्र बचपन से ही काफी होनहार थे। वे एक कुशल डाक्टर होने के साथ-साथ एक अच्छे समाज सेवी भी थे। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता अंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया। डॉक्टर विधान चंद्र राय के बारे में कहा जाता है कि वो मरीज का चेहरा देखकर ही बीमारी और इलाज बता देते थे। महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू जैसी दिग्गज हस्तियों का डॉक्टर थे डॉक्टर विधान चंद्र राय। डॉक्टर विधान चंद्र राय के जन्मस्थान को अघोर प्रकाश शिशु सदन नामके स्कूल में परिवर्तित कर दिया गया है। पटना के जिस स्कूल में शिवनाथ झा ने पढ़ाई की थी आज वो स्कूल बदहाली के कगार पर है। इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शिवनाथ झा फेसबुक पर लिखते हैं कि अगर डॉक्टरों की तरफ से थोड़ा बहुत सहयोग कर दिया जाय तो इस विद्यालय की कायापलट हो सकती है, सही मायने में डॉक्टरों की तरफ से विधान चंद्र राय के लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
- डाॅ बिधान चंद्र ने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक पास करने के बााद कोलकाता में मेडिकल की पढ़ाई की।
- साल 1922 में कलकत्ता मेडिकल जनरल के बने संपादक और बोर्ड के सदस्य।
- स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ वे राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता एवं गांधीवादी थे।
- उन्हें बंगाल का मसीहा भी कहा जाता है।
- आजादी के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन चिकित्सा सेवा को समर्पित कर दिया।
- साल 1948 में पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री बने। लगभग 14 वर्षो तक उन्होंने कुशल शासन चलाया।
- भारत सरकार ने सन् 1961 में उन्हें भारत रत्न से से किया सम्मानीत।
- एक जुलाई 1962 को ह्रदयघात से हुआ डॉ॰ बिधान चंद्र राय का निधन।
विडंबना देखिए की बिहार के एक डॉक्टर के नाम पर पूरे देश में डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है वहीं बिहार में डॉक्टरों के साथ आए दिन मारपीट और दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही है। हाल ही में दरभंगा के हायाघाट पीएचसी में भी एक डॉक्टर दंपति के साथ मारपीट की गई थी। सुरक्षा की मांग को लेकर चिकित्सक दिवस के मौके पर बिहार के डॉक्टर काली पट्टी बांधकर कामकाज कर रहे हैं।