गोपालगंज: स्वच्छता में पहला स्थान हासिल कर अन्य स्कूलों के लिए नजीर बना गहनी चकिया मिडिल स्कूल
गोपालगंज में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए पहला स्थान लाकर पंचदेवरी प्रखंड का मध्य विद्यालय गहनी चकिया ने दूसरे स्कूलों के लिए नजीर बन गया है। बिहार शिक्षा परियोजना ने गुरुवार को पटना के होटल लेमनट्री में कार्यक्रम का आयोजन कर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री व यूनिसेफ बिहार के कार्यक्रम प्रबंधक शिवेन्द्र पाण्डेय ने पंचदेवरी प्रखंड के गहनी चकिया मिडिल स्कूल सहित राज्य के 26 स्कूलों को पुरस्कृत किया। गहनी चकिया स्कूल को शिक्षा विभाग द्वारा फाइव स्टार दिया गया है। स्कूल के प्राचार्य सुनील शर्मा को गुरुवार को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा सम्मानित किया गया। पुरस्कार के तौर पर स्कूलों को 50-50 हजार रुपये का इनाम दिया गया।
ज्ञात हो कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा पहली बार राज्य स्तर पर सरकारी स्कूलों के बीच स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार का आयोजन किया था। इसके तहत राज्य भर से 66125 स्कूलों ने आवेदन किया। इसमें प्रखंड स्तर पर बीईओ द्वारा कुल 3214 स्कूलों का फाइव स्टार दिया गया। वहीं फोर स्टार 9604, थ्री स्टार 20363, टू स्टार 24276 और वन स्टार 8669 दिया गया, लेकिन जब इन स्कूलों का सत्यापन किया गया तो प्रखंड स्तर पर मात्र 5288 स्कूलों का चयन वन स्टार से लेकर फाइव स्टार तक किया गया। जिला स्तर पर 355 स्कूल चयनित हुए। राज्य स्तर पर इसकी संख्या 125 रह गयी। अब राज्य स्तर पर चयनित 125 स्कूलों में 26 स्कूलों को फाइव स्टार दिया गया है।
इन बिंदुओं पर हुआ था स्कूलों का आकलन
- सुरक्षा और पर्याप्त जल की उपलब्धता – इसमें दस बिंदुओं पर स्कूलों की जांच की गई
- छात्र-छात्राओ के लिए अलग-अलग कार्यशील शौचालय – इसमें दस बिंदुओं पर जांच हुई
- साबुन से हाथ धुलाई – इसमें पांच बिंदुओं पर जांच हुई
- परिचालन एवं रख-रखाव – इसमें दस बिंदुओं पर जांच हुई
- स्थायी व्यवहार परिवर्तन हेतु संचार – इसमें पांच बिंदुओं पर आकलन किया गया
- नियमित क्षमता संवर्धन – इसमें 5 बिंदुओं पर आकलन किया गया
- सामुदायिक सहभागिता एवं सहयोगी तंत्र – इसमें पांच बिंदुओं पर जांच की गई
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए पहला मूल्यांकन जून से जुलाई में हुआ। दूसरा मूल्यांकन 20 नवंबर से 20 दिसंबर तक हुआ। प्रखंड स्तरीय सत्यापन 21 से 31 दिसंबर तक किया गया। इसमें चयनित स्कूलों का सत्यापन जिला स्तर पर किया गया। जिला स्तर पर चयन के बाद राज्य स्तर पर स्कूलों का सत्यापन किया गया। अंतिम रूप से 26 स्कूलों का चयन किया गया। इस प्रतियोगिता में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के स्कूल शामिल हुए थे।