गोपालगंज

गोपालगंज: ट्रूनेट मशीन से टीबी के रोगियों की होगी जांच, 2025 तक यक्ष्मा उन्मूलन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य

गोपालगंज: टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा समुदाय स्तर पर कार्य किया जा रहा है। विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा वर्ष 2025 तक यक्ष्मा उन्मूलन के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में यह निर्णय लिया गया है कि कोविड जांच में उपयोग की जा रही ट्रूनेट मशीन की अब टीबी जांच में उपयोग किया जायेगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य के 21 जिलों में एक भी कोरोना के मरीज नहीं हैं एवं कोरोना संक्रमण दर काफी कम हो चुका है। 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना के टीके लग चुके हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद्, भारत सरकार द्वारा कोविड-19 जाँच के संबंध में निर्गत दिशा निर्देश के अनुसार बिना लक्षण वाले व्यक्तियों, 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों जिन्हें डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, गुर्दे की बीमारी, कैंसर, मोटापा नहीं हो, का कोविड-19 टेस्ट करना आवश्यक नहीं है। होम आईसोलेशन एवं अस्पताल में भर्ती कोविड- रोगियों का भी डिस्चार्ज के समय कोविड टेस्टिंग बाध्यकारी नहीं है। ऐसे में कोविड जांच में लगायी गयी ट्रूनेट मशीन का उपयोग टीबी मरीजों की जांच में की जाये।

फॉलोअप जाँच स्पुटम माइक्रोस्कोपी द्वारा की जाए: जारी पत्र के माध्यम से कहा गया है कि वैश्विक महामारी के दौरान संभावित टीबी रोगियों की डायग्नोसिस एवं फॉलोअप जाँच जो परम्परागत स्पुटम माइक्रोस्कोपी द्वारा की जाती रही बुरी तरह प्रभावित हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2021 के अनुसार टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को गहरा आघात पहुँचा है। जिले के अन्तर्गत टीबी डायग्नोस्टि सेन्टर में अविलम्ब लैबोरेट्री टेक्नीशियन की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए प्रखण्डवार टीबी जाँच कार्य बढ़ाया जाए। सीबीनैट, ट्रूनेट का अधिष्ठापन इस प्रकार किया जाए कि अधिकांश प्रखण्ड मुख्यालयों में टीबी रोगियों के डायग्नोसिस का कार्य सीबीनैट अथवा ट्रूनेट द्वारा हो एवं फॉलोअप जाँच स्पुटम माइक्रोस्कोपी द्वारा की जाए।

गर्भवती महिलाओं की भी होगी टीबी जांच: सभी गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व परीक्षण के समय टीबी के लक्षणों (खाँसी, बुखार, वजन में कमी, रात में पसीना आना) की स्क्रीनिंग कर लक्षण युक्त महिलाओं का निकटस्थ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (प्रखण्ड मुख्यालय) में बलगम जाँच सुनिश्चित करने हेतु एएनएम एवं सीएचओ को समुचित प्रशिक्षण एवं एसटीएस के माध्यम से आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाए। वर्ष 2025 तक यक्ष्मा उन्मूलन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को देखते हुए सभी ट्रूनेट मशीन का उपयोग टीबी जाँच में करने का निर्णय लिया गया है। दो सप्ताह के अन्तर्गत अधिष्ठापन कार्य को पूरा कर निक्षय पोर्टल पर मैपिंग कर ली जाए ताकि उक्त मशीन से प्रतिदिन किए गये जाँचों की अनुश्रवण एंव समीक्षा की जा सके।

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