गोपालगंज: नही रहे कुचायकोट के जलालपुर स्थित एसएमडी कालेज के संस्थापक डा रामदुलार प्रसाद
गोपालगंज के कुचायकोट थाने के मठिया नेचुआ जलालपुर एसएमडी कॉलेज के संस्थापक सह प्रचार्य डॉ राम दुलार दास का दम घुटने मौत हो गयी। सोमवार को गोरखपुर के एमएम नर्सिंग होम में ऑक्सीजन लेबल कम होने पर भर्ती कराया गया था। बुधवार की सुबह छह बजे उनके सेहत में सुधार हुआ तो अपने एसआरडी कॉलेज प्राचार्य उमाशंकर यादव समेत कई प्रोफेसरों से बात किये। इतने में कोविड का रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ ही नर्सिंग होम वाले दुसरे अस्पताल में ट्रांसफर के लिए दबाव बनाने लगे। कई लोगों के प्रयास के बाद उन्हें दुसरे अस्पताल में सिफ्ट कराने का इंतजाम हुआ। एबुलेंस में दुसरे अस्पताल में ले जाने के दौरान ही डॉ रामदुलार प्रसाद ने अंतिम सांस ली। बुधवार की सुबह सवा सात बजे उनके मौत की खबर आते ही शिक्षा जगत मर्माहत हो उठा। शिक्षाविदों में शोक की लहर दौड़ गयी। डॉ राम दुलार की मौत से पूरा इलाका गमगीन हो उठा है।
एसएमडी कालेज के संस्थापक डॉ राम दुलार प्रसाद दरिया पंथ के संत थे। उनके निधन की खबर पर उनके परम व वरिष्ठ शिष्य हीरादास जलालपुर कॉलेज पहुंचे। गोरखपुर से उनके पार्थिव शरीर को जलालपुर कॉलेज में लाया गया। जहां संत परंपरा के अनुसार उनके गुरू महेंद्र दास जी, अनुराग दास जी के प्रतिमा के पास समाधि दी गयी। समाधि देने के दौरान कॉलेज प्रशासन के सैकड़ों लोग शामिल थे।
एसएमडी डिग्री कालेज मठिया नेचुआ जलालपुर के संस्थापक व सतनाम के साधक डॉ राम दुलार दास के मौत की खबर आने के बाद भी क्षेत्र के लोगों में विशवास नही हो रहा था। अनेकों लोग जानने के लिए कालेज पर पहुंचे। कइ लोगों ने संदिग्ध हालत मौत होने की चर्चा कर रहे थे।