गोपालगंज

गोपालगंज: मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना से अंशिका-सुजित और जेनब परवीन के घर लौटेगी खुशियां

गोपालगंज: ऐसे बच्चों जिनके दिल में छेद है। उनके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बाल हृदय योजना की शुरुआत की है। यह योजना अब बच्चों के जीवन को उज्जवल करने में सार्थक साबित होने लगी है। इस योजना के तहत गोपालगंज जिले के तीन बच्चों को चिह्नित किया गया है। जिनका दिल का ऑपरेशन अहमदाबाद में किया जायेगा। आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. अमित रंजन ने बताया कि आरबीएसके की टीम के द्वारा चिह्नित हृदय रोग से ग्रसित बलथरी गांव निवासी मिथुन तिवारी के पुत्री अंशिका कुमारी, कुचायकोट के विशंभरपुर निवासी सुजित कुमार तथा हथुआ के अख्तर हुसैन की पुत्री जेनब परवीन का चयहन ऑपरेशन के लिए किया गया है। जिनका ऑपरेशन अहमदाबाद के श्री सत्य साई हॉस्पिटल में किया जायेगा। गुरुवार को एयरप्लेन से दोनों बच्चों को अहमदाबाद भेजा गया। यह सभी सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क है। पूरे बिहार से गुरुवार को 27 बच्चों को अहमदाबाद भेजा गया है जिसमें गोपालगंज के तीन बच्चों का चयन किया गया है। सर्वप्रथम ऐसे बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना की टीम चयन करती है। इसके बाद वरीय स्वास्थ्य संस्थान में इसकी सूची भेजी जाती है। वहां से काउंसिलिंग के बाद उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज को लेकर बेहतर स्वास्थ्य संस्थान में भेजा जाता है। जन्म के वक्त जिन बच्चों के हृदय में छेद होता है वैसे बच्चों के अभिभावकों को काफी आर्थिक संकटों का सामना करना होता है। इन्हें राहत देने के लिए योजना शुरू की गई है।

डीपीएम धीरज कुमार ने बताया कि योजना के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की पहचान के लिए जिलास्तर पर स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा अन्य अफसर भी होते है। जहां से बच्चों को इलाज के लिए आइजीआइएमएस या फिर अहमदाबार रेफर किया जाता है। स्क्रीनिंग से लेकर इलाज पर आने वाला पूरा खर्च सरकार उठाती है। किसी बच्चे के हृदय में छेद हो जाता है तो किसी को जानकारी रहती नहीं है। बाद में कुछ उम्र के बाद बच्चों को कई तरह की कठिनाई होने लगती है। इसको ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने निर्णय लिया कि बच्चों की जांच कराएंगे और उनका मुफ्त में इलाज कराएंगे।

सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने कहा कि बाल हृदय योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करायी जाती है। बच्चों को घर से अस्पताल या अहमदाबाद जाने के लिए एयरपोर्ट, या अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस या प्राइवेट वाहन की सुविधा मुहैया करायी जाती है। जिसका खर्च विभाग की तरफ से वहन किया जाता है। आरबीएसके कार्यक्रम मुख्य रूप से बच्चों के बीमारी दूर करने का कार्यक्रम है। इसके तहत कई बीमारी का इलाज किया जा रहा है। टीम के सदस्य ऐसे गांव में पीड़ित परिवार से जाकर मिलते हैं। उन्हें सरकारी कार्यक्रम की जानकारी देते हैं। इसके बाद बच्चों का इलाज होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!