गोपालगंज

गोपालगंज: एक्शन में जिला प्रशासन, मनरेगा के तहत 17 हजार 225 लोगो को दिया जा रहा है काम

गोपालगंज: पूरे देश में कोरोना महामारी को लेकर लॉक डाउन है। इस लॉक डाउन की वजह से गोपालगंज के हजारों मजदूर राज्य और देश के बाहर फंसे हुए है। जबकि लॉक डाउन के बावजूद प्रतिदिन सैकड़ो मजदूरो का अपने घर वापस आने का सिलसिला जारी है। वही दूसरी तरफ लॉक डाउन की वजह से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए है। उनके पास कोई काम नहीं है. ऐसे में उनके सामने खाने की समस्या पैदा हो गयी है। जिसको लेकर पीएम नरेद्र मोदी ने सभी राज्य सरकारों और जिला प्रशासन से ऐसे सभी बेरोजगार कामगार मजदूरो को रोजगार देने की अपील की थी।

पीएम की इस अपील के बाद गोपालगंज जिला प्रशासन ने एक एक्शन प्लान बनाया और इस एक्शन पलान के जरिये अबतक जिले और उसके बाहर से लौटे करीब 17 हजार से ज्यादा मजदूरो को रोजगार उपलब्ध कराया है। इन मजदूरो को मनरेगा के तहत कार्य दिया गया है। इसके साथ ही जो मजदुर लॉक डाउन के दौरान बाहर से लौटकर अपने घर वापस आये हुए है और वे काम करने के इच्छुक है उनका तत्काल मास्टर रोल बनाकर उन्हें प्रतिदिन रोजगार उपलध कराया जा रहा है। गोपालगंज जिला प्रशासन के द्वारा आंकड़े के मुताबिक जिले में 234 पंचायते है। जिसमे 228 पंचायतो में मनरेगा, जल जीवन हरियाली और सीएम सात निश्चय योजना के तहत रोजगार दिया जा रहा है।

डीडीसी सज्जन आर के मुताबिक केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने 20 अप्रैल को एक अध्यादेश जारी किया। इस आदेश के बाद मनरेगा के तहत जिले में कार्य शुरू कराया गया है। यहाँ 30 अप्रैल तक 17 हजार 225 लोगो को रोजाना काम दिया जा रहा है। जिले में 3385 जगहों पर काम चल रहा है। जिसमे 700 जगहों पर जल जीवन हरियाली के तहत लोगो को रोजगार दिया जा रहा है। सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए यहाँ सारे कार्य कराये जा रहे है। सभी मजदूरो को जीविका दीदी के द्वारा उपलब्ध कराया गया मास्क, सेनिटाईजर और हैण्ड वश उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में सबसे ज्यादा काम मनरेगा के तहत कराया जा रहा है। उपविकास आयुक्त ने बताया की जिले के कई प्रखंड कोरोना की चपेट में है। जिसकी वजह से कई गांवों को कन्टेनमेंट जोन किया गया है। जिसकी वजह से काम थोडा धीमा हुआ है। लेकिन बाहर से आये सभी मजदूरो को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। स्किल्ड और अनस्किल्ड मजदूरो को उनके हुनर के लिहाज से काम दिया गया है। डीडीसी के मुताबिक अबतक बाहर से आये 480 मजदूरो ने काम के लिए आवेदन दिया था। जिन्हें जॉब कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है। इन मजदूरो में से 289 मजदूरो को काम पर भी लगा दिया गया है।

थावे के मनरेगा पीओ सुबोध सिंह के मुताबिक प्रवासी मजदूरो की उन्हें जो सूचि उपलब्ध करायी गयी है। सभी मजदूरो का सर्वे कर उनका मास्टर रोल तैयार किया गया है और प्रवासी मजदूरो को ज्यादा से ज्यादा काम दिया जा रहा है।

चंडीगढ़ से घर वापस लौटे मजदुर अखिलेश कुमार ने बताया की लॉक डाउन के बाद वे अपने घर वापस लौट गए। उसके बाद से वे बेरोजगार थे। लेकिन अब उन्हें मनरेगा में काम मिल गया है, वे खुश है। घर का खर्च भी निकल जा रहा है।

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