गोपालगंज

गोपालगंज: कोरोना लॉक डाउन के कारण दियारा में उपजे करोडो रूपये के तरबूज हो रहे है ख़राब

गोपालगंज के दियारा इलाके में उपजने वाले तरबूज की डिमांड नेपाल के अलावा दूसरे राज्यों में भी है। लेकिन इस बार कोरोना लॉक डाउन की वजह से इस इलाके में उपजने वाले करोडो रूपये के तरबूज अब ख़राब होने के कगार पर है। यहाँ खेतो में तरबूज पककर तैयार भी हो गए है। लेकिन ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से ये तरबूज ऐसे ही खेतो में ख़राब होने लगे है। तरबूज और लौकी की खेती करने वाले किसानो की बस एक ही समस्या है की उनकी करोडो रूपये के मूल्य की इस फसल का अब कोई खरीदार भी नहीं है।

गोपालगंज के दियारा इलाके में कभी बंदूके गरजती थी। यहाँ जंगल पार्टी का साम्राज्य हुआ करता था। सरकार बदली तो गोपालगंज के दियारा इलाके की सूरत भी बदल गयी। यहाँ सड़के बनीm रोजगार के अवसर पैदा हुए। अब इस इलाके के किसान बम्पर पैदावार से अपनी किस्मत संवार रहे है। लेकिन कोरोना की वजह से पूरे देश में लॉक डाउन है। इस लॉक डाउन का असर गोपालगंज के इस इलाके के किसानों पर भी पड़ रही है।

दरअसल मांझागढ़ के निमुइया गाँव में पहले आवागमन नहीं था। यहाँ सालों भर नाव ही एकमात्र सहारा था। लेकिन अब इस इलाके में सडके, स्कूल, सामुदायिक भवन सबकुछ है। सड़के बनी तो यहाँ के कुछ किसानो ने एक ग्रुप बनाया और अपनी छोटी से जमापूंजी से गंडक के दियारा इलाके में तरबूज और लौकी की खेती शुरू कर दी।

निमुइया गाँव के किसान चन्दन कुमार सहनी के मुताबिक उन्होंने लाखो रूपये खर्च कर कई एकड़ में तरबूज की खेती की। उन्होंने 10 साथियों के साथ कई एकड़ की खेत में तरबूज और लौकी की खेती कर रहे है। इस तरबूज की डिमांड सीमावर्ती नेपाल में ज्यादा है। नेपाल के अलावा यूपी, बंगाल और दूसरे राज्यों के व्यापारी यहाँ आते थे और करीब 4 से 5 करोड़ रूपये के तरबूज, लौकी , खीरा और ककड़ी का व्यवसाय करते थे। लेकिन अब लॉक डाउन की वजह से पूरे देश में ट्रांसपोर्ट बंद है। जिसकी वजह से कोई व्यापारी यहाँ नहीं आ रहा है। उनके नहीं आने से यहाँ 20 से 30 रूपये प्रति पिस बिकने वाले तरबूज को 5 रूपये में भी कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। खरीदार नहीं मिलने से उनकी उपज ख़राब होने लगी है।

सदर एसडीएम उपेन्द्र कुमार पाल ने बताया की उन्हें किसानों के नुकसान की कोई सुचना नहीं है। सब्जी सही अन्य आवश्यक चीजों के ट्रांसपोर्टेशन में कोई पाबन्दी नहीं। अगर किसान उनके संज्ञान में मामला लाते है तो वे उन्हें ट्रांसपोर्ट और अन्य सुविधाओ के लिए परमिशन दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!