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मध्य प्रदेश में सड़कों पर किसान, कर्फ्यू के बावजूद हालात बेकाबू, डीएम और पत्रकार पर हमला

मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों के आंदोलन पर पुलिस की फायरिंग के बाद हालात बिगड़ गए हैं. मंदसौर के पार्श्वनाथ में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फायरिंग की थी जिसमें 5 किसानों की मौत हो गई. फायरिंग के बाद आंदोलन के उग्र होने के डर से मंदसौर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कर्फ्यू लगने के बावजूद भी स्थिति बेकाबू है. जिसके चलते विपक्ष लगातार शिवराज सरकार पर निशाना साध रहा है.

डीएम और पत्रकार पर हमला

मंदसौर में दूसरे दिन भी हालात बेकाबू हैं. आज सुबह किसानों को समझाने गए डीएम स्वतंत्र सिंह के साथ उग्र किसानों ने मारपीट की है और उनके कपड़े भी फाड़ दिए गए. डीएम किसी तरह खुद को बचाकर निकलने में कामयाब रहे. वहीं इसके थोड़ी ही देर बाद एबीपी न्यूज़ के पत्रकार ब्रिजेश राजपूत और कैमरामैन पर भी उग्र भीड़ ने हमला कर दिया.

सुबह हुआ मृतक किसानों का अंतिम संस्कार

इलाके में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच आज सुबह मृतक किसानों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान लोगों का भारी हूजूम उमड़ा हुआ था. यहां एक किसान की शवयात्रा भी निकाली गई थी, इस दौरान उसके शव को तिरंगे से लपेट कर रखा गया था.

आज मध्य प्रदेश बंद का एलान

आज किसान संगठनों ने मध्य प्रदेश बंद बुलाया है और कांग्रसे भी इसका समर्थन कर रही है. मंदसौर में कर्फ्यू की नौबत हिंसा के बाद आई. पिपरियामंडी बही चौपाटी पर उपद्रवियों की तरफ से आगजनी की गई. पांच जून को भी उपद्रवियों ने ट्रकों का सामान लूट लिया गया था. उपद्रवी जिस जगह से निकले वहां दुकानें तोड़ी गईं और छोटे-छोटे दुकानदार यहां तक की महिलाओं की दुकानों तक को लूट लिया गया.

आम जनजीवन पर असर

इस हड़ताल के कारण इंटरनेट सेवा तो बंद ही कर दी गई है. इससे दूध और सब्जियों की सप्लाई पूरे सूबे में खासा प्रभावित है. बीते एक हफ्ते में सब्जियों की कीमत में भारी इजाफा हुआ है. सिर्फ प्याज ही है जो 10 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

सीएम शिवराज का एक-एक करोड़ देने का एलान

हालात बिगड़ने के बाद कल देर रात प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतक किसानों के परिवार वालों को एक-एक करोड़ रुपए देने का एलान किया. पहले ये राशि केवल 10 लाख रुपए थी. वहीं गंभीर रुप से घायल लोगों को पांच-पांच लाख रुपए की मदद देने का भी सीएम ने एलान किया.

 विपक्ष ने साधा बीजेपी पर निशाना

मध्य प्रदेश में फिलहाल बीजेपी की सरकार है. किसान आंदोलन पर पुलिस कार्रवाई के बाद विपक्ष ने शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस से लेकर लेफ्ट तक सभी ने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया है और सरकार पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ”BJP के न्यू इंडिया में हक़ मांगने पर हमारे अन्नदाताओं को गोली मिलती है?”

 ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी साधा शिवराज पर निशाना

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ”पुलिस फायरिंग में किसानों की मौत होना अत्यंत दुखद है, मैं इस घटना ने स्तब्ध हूं. उन परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे अन्नदाताओं के खिलाफ सत्ता के नशे में मगरूर सरकार तानाशाही तरीके से उनकी आवाज को कुचलना चाहती है. मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ, हमारे अन्नदाताओं पर गोली चलाना बेहद दुखदायी और दिल को दहलाने वाला है. मध्यप्रदेश के लिए यह काला दिन है.”

आम आदमी ने साधा निशाना

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मध्य प्रदेश के आम आदमी पार्टी संयोजक आलोक अग्रवाल के ट्वीट को रीट्वीट किया. आलोक अग्रवाल ने ट्वीट किया, ”किसानों को आत्महत्या पर मजबूर करने वाली शिवराज सरकार अब किसानों की हत्या कर रही है. शिवराज बना रहा शवराज.”

 दो जून से किसान  कर रहे हैं आंदोलन

मध्य प्रदेश में दो जून से किसान आंदोलन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी फसलों की सही कीमत मिले और कर्जमाफी हो. तीन जून को शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से मिलकर मामला सुलझने का दावा किया था. जिसके बाद एक धड़े ने आंदोलन वापस भी ले लिया था. लेकिन बाकी किसान विरोध प्रदर्शन पर अड़े रहे.

प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबल आए आमने-सामने 

कल प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबल आमने-सामने आए. इसके बाद दोनों ओर से पथराव हुआ और फिर गोलियां चली, जिसमें पांच किसानों की मौत हो गई. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि गोलियां सीआरपीएफ की तरफ से चलीं वहीं राज्य सरकार कह रही है कि उसने गोली चलाने के आदेश ही नहीं दिए.

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