ईवीएम हैकिंगः सिर्फ एनसीपी और माकपा ने स्वीकारा ईवीएम चैलेंज, अन्य सभी दलों ने पल्ला झाडा
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के आरोप साबित करने की केंद्रीय चुनाव आयोग की चुनौती से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) ने स्वीकार किया है. अन्य सभी दलों ने पल्ला झाड़ लिया. यह चैलेंज 3 जून को सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक होगा.
एनसीपी ने इस चैलेंज के लिए वंदना हेमंत चव्हाण, गौरव जयप्रकाश जाचक और यासिन हुसैन शेख को नामित किया है. माकपा ने अपने कवरिंग लेटर में चैलेंज स्वीकारने का उल्लेख नहीं किया, लेकिन अंदर उन्होंने इसके लिए अपने तीन प्रतिनिधियों के नाम दिए.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने आयोग से कहा है कि उन्हें मशीन से छेड़छाड़ की पूरी छूट मिले तो ही वे हिस्सा लेंगे. ईवीएम चुनौती में भाग लेने के लिए शुक्रवार शाम पांच बजे तक चुनाव आयोग के पास सिर्फ आठ राजनीतिक दलों ने संपर्क किया.
सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ही माकपा, भाकपा और रालोद ने कहा है कि वे इस चुनौती में खुद भाग न लेकर सिर्फ इस आयोजन को देखना चाहते हैं. इसी तरह ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस ने आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि वह इस चुनौती में भाग नहीं लेना चाहती. आयोग के सूत्रों का कहना है कि इसके बावजूद कार्यक्रम तय समय से किया जाएगा. आयोग ने कहा था कि तीन जून से वह उन सभी राजनीतिक दलों को इस चुनौती में भाग लेने का मौका देगा जिन्होंने पांच राज्यों के हालिया चुनाव में भाग लिया है. उधर, कांग्रेस और आप ने इसे आयोग का नाटक करार दिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘जिस तरह की शर्तें आयोग ने लगाई हैं, उसमें कोई भी चैलेंजर ईवीएम की जांच नहीं कर सकता. हम आयोग से अनुरोध करते हैं कि वह इन नियमों को ठीक करें क्योंकि इन शर्तों की वजह से पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता ही संदिग्ध हो गई है.’
कांग्रेस ने कहा, एक तो चैलेंजर को सिर्फ कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट ही उपलब्ध होगी. दूसरा, शर्तों के मुताबिक वह सिर्फ बटन ही दबा सकेगा. तीसरा, चुनौती को इस तरह आयोजित किया गया है कि स्ट्रांग रूम या मतगणना कक्ष में रखी गई ईवीएम की परिस्थितियों में ही अपना दावा सिद्ध करना होगा. इसी तरह की बात आम आदमी पार्टी ने भी कही है.
उसका कहना है कि अगर ईवीएम के मदर बोर्ड को ही उपलब्ध नहीं करवाया गया तो फिर कोई अपना दावा साबित कैसे करेगा. आप का कहना है कि जिस तरह दिल्ली विधानसभा में ईवीएम से छेड़छाड़ को साबित करके दिखाया गया उससे आयोग डर गया है और इसलिए यह नाटक किया जा रहा है. ध्यान रहे कि ईवीएम को लेकर सबसे ज्यादा हंगामा आप ने ही मचाया था, जबकि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आयोग से मिलकर शिकायत दर्ज कराई थी.