कागजों पर ही बन कर रह गया पीएमसीएच का हाइटेक इमरजेंसी कंट्रोल रूम
ऐसे डॉक्टरों की संख्या तो नगण्य के बराबर है जो शाम तक परिसर में रहते हो। पटना पीएमसीएम में इमरजेंसी कंट्रोल रूम को हाइटेक किया जाना था, लेकिन अब यह प्रोजेक्ट सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर पीएमसीएच इमरजेंसी के कंट्रोल रूम को हाइटेक किया गया है, लेकिन कागजों पर ही, जिससे मरीजों तो को तो कोई फायदा नहीं हुआ है, बल्कि हेल्थ मैनेजरों को जरूर हुआ है। यहां दो हेल्थ मैनेजर व डॉक्टर तो बैठाए गए हैं, लेकिन उनके पास कोई काम नहीं है। क्योंकि उनके पास अस्पताल की ओर से कोई सुविधाएं नहीं दी गई है। जानकारी के अनुसार कंट्रोल रूम में कहने को दो फोन हैं। वह भी सिर्फ नाम के ऐसे में एगर कोई मरीज अचानक से आ जाए तो उसका इलाज कराना भी कंट्रोल रूम के बस में नहीं है। सीनियर डॉक्टर नहीं लगाते राउंड बताया जाता है कि यहां के हालात यह हैं कि डॉक्टरों को ड्यूटी का रोस्टर भेज दिया गया है, लेकिन यह डायरेक्शन सिर्फ हेल्थ मैनेजर व कंट्रोल रूम में बैठे डॉक्टर पर लागू है। इमरजेंसी को पूरी तरह से पीजी के सहारे छोड़ दिया गया है।
डॉक्टर का यूनिट होता है, वह मरीज को इमरजेंसी व वार्ड में भी नहीं मिलते हैं। यहां तक कि एक बजे के बाद डॉक्टर कैंपस से बाहर चले जाते हैं। ऐसे डॉक्टरों की संख्या तो नगण्य के बराबर है जो शाम तक परिसर में रहते हो। ब्रजेश मेहरोत्रा, प्रधान सचिव का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल में ट्रॉली बढ़ाने को लेकर डायरेक्शन दिया गया था, इस मामले में अधीक्षक व प्राचार्य दोनों से पूछा जाएगा और एक बार फिर इसकी मॉनिटरिंग विभागीय स्तर पर किसी दिन गुप्त रूप से की जाएगी।