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अगर नोट 6 महीने पहले से छप रहे थे, तो नये नोट पर उर्जित पटेल के दस्तखत कैसे ?

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर सवाल उठाया कि नए नोट छापने की प्रक्रिया 6 महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि अगर यह सही है तो नए नोट पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल के दस्तखत कैसे हैं, जबकि उन्होंने यह जिम्मेदारी इसी साल 5 सितंबर को उन्होने कार्यभार संभाला है.

मध्य प्रदेश के नेपानगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने से पहले इंदौर पहुंचे मोहन प्रकाश ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘500 और 1,000 रुपये की नोटबंदी के मद्देनजर नए नोट लाने की प्रक्रिया 6 माह पहले से चलाने का दावा किया जा रहा है, मगर इन नोटों पर आरबीआई के गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल के दस्तखत कैसे हैं, जबकि पटेल ने नौवें महीने (सितंबर) में यह जिम्मेदारी संभाली है.’

मोहन प्रकाश ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश यात्राएं करने वाले उद्योगपतियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि कालेधन के जो दोषी हैं, वे तो प्रधानमंत्री के साथ विदेशों में घूमते हैं और देश का मेहनतकश, गरीब आदमी कई दिनों से समस्याएं झेल रहा है. उनके पास खाना खाने तक के पैसे नहीं हैं.

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