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शहाबुद्दीन समर्थकों ने दिल्ली के जंतर मंतर में निकाला कैंडल मार्च

बिहार में शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई और जेल वापसी के बिच हुई राजनीतिक सियायत बिहार में लगातार नए नए चर्चाओं को गर्म हवा दे रही है। शहाबुद्दीन के जेल से वापस आते ही मुख्यमंत्री नितीश कुमार को परिस्थिति का मुख्यमंत्री बताना और सिवान में हुए पत्रकार राजदेव हत्याकांड के आरोपी मो. कैफ के साथ तस्वीरों का आना शहाबुद्दीन पर भारी पड़ चुका है। बिहार की राजनीति जो की कुछ समय पहले तक महागठबंधन बनाम बीजेपी थी वो अचानक लालू बनाम नितीश की दिख रही है। कल सोमवार को लालू यादव की पार्टी के समर्थकों ने राजधानी पटना सहित कई जिलों में शहाबुद्दीन के समर्थन में जमकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की तो आज देश की राजधानी दिल्ली में जंतर-मन्तर पर शहाबुद्दीन के समर्थन में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में जमकर नारेबाजी किया है।
मुस्लिम समुदाय के लोग बिहार के बाहर भी शहाबुद्दीन के जेल जाने के विरोध में सड़क पर उतर आये है। जो की दिल्ली, सऊदी अरब में भी देखा गया है। विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि एक साजिश के तहत नीतीश कुमार के कारण ही शहाबुद्दीन को फिर से जेल जाना पड़ा है।
मो. शहाबुद्दीन जो की राजीव रौशन हत्या मामले में सात सितम्बर को पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद 10 सितम्बर को भागलपुर जेल से रिहा हुए थे। शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द करने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में राजीव के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद और बिहार सरकार द्वारा याचिका दायर की गई थी।

याचिका पर सुनवाई करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 30 सितम्बर को शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करते हुए उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश के बाद शहाबुद्दीन ने सीवान की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

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