बिहार

बिहार के 9 करोड़ डकार कर प्रशांत किशोर फरार – सुशील कुमार मोदी

एक कहावत हम सभी ने कई बार सुनी है। “संगत से गुण आत है” मतलब भी बिलकुल साफ़ है और स्पष्ट है। जैसे लोगो के बीच आप रहते है वैसे ही आप की सोच हो जाती है। वैसा ही आप व्यवहार करने लगते है। कुछ ऐसा ही हुआ है तथाकथित चुनावी स्ट्रैटजिस्ट और चुनाव जीतने के चमत्कारी गुणा भाग के चैंपियन प्रशांत किशोर के साथ भी। अरे ये हम नहीं कह रहे है। ये तो कह रहे सूबे में भाजपा के उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी।

सूबे पीछे वर्ष संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार की सियासी जीत के सारथी रहे प्रशांत किशोर जो वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश ने के सलाहकार भी है पर अब घोटाले के आरोप लगने लगे हैं।बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर विजन डाक्यूमेंट के नाम पर दिए गए टेंडर में अनियमितता का आरोप भी लगाया है। छोटे मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि विजन डॉक्यूमेंट बनाने के नाम पर प्रशांत किशोर से संबंध रखने वाली संस्था को 9 करोड से अधिक का एक मुश्त भुगतान कर दिया गया था। लेकिन अब तक विजन डॉक्यूमेंट नहीं बन पाया है।

इधर, पीके बिहार में सेवा देने के बजाय दूसरे राज्यों में राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। बिहार चुनाव से ठीक पहले बिहार सरकार ने विजन डाक्यूमेंट बनाने के लिए “सिटीजन एलायंस प्राइवेट लिमिटेड” नाम की कंपनी को ठेका दिया था। सुशील मोदी का आरोप है कि ये कंपनी प्रशांत किशोर से तालुक रखती है।आरोप है कि पूरा पैसा लेने के बाद भी कंपनी ने अभी तक विजन डाक्यूमनेंट बनाकर पेश नहीं किया है। मोदी यही नहीं रुके बल्कि अपने आरोपो के जद पीके की भूमिकाओं पर भी सवाल उठाये।

सूमो ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि वो एक लोक सेवक हैं। लेकिन पिछले चार महीनों से किसी भी बैठक में वो उपलब्ध नहीं रहे हैं। कांग्रेस के चुनाव की जिम्मेदारी को उठाने के लिए वो दिल्ली और यूपी के चक्कर काट रहे हैं।इसलिए बेहतर होगा की वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।

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