बिहार

शराब के बारे में सोचना भी नहीं…मद्य निषेध कानून और सख्त बनेगा

बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी शराब के कुछ शौकीनों के अंदर उम्मीद का एक दिया जल रहा था कि सरकार आगे चलकर कुछ ना कुछ छूट जरूर देगी। लेकिन हम आपको बता दें कि सरकार पूर्ण शराबबंदी के कानून में ढिलाई बरतने की बात तो दूर रही अब इस कानून में एक भी त्रुटी नहीं रहने देना चाहती है।

बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को लागू करने के बाद राज्य सरकार इस कानून को और अधिक कड़ा बनाने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार बिहार उत्पाद अधिनियम कानून की खामियों को दूर करने पर जोर शोर से तैयारियां कर रही है। संभव है कि विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में इस अधिनियम में संशोधन के लिए बिल लाया जाए।

राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने इस मामले में कहा कि शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए कानून को और सख्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट ने शराब रखने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कई लोगों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि इसके पीछे हमारे कानून में ही मौजूद कुछ खामियां हैं। हम इन्हें जल्द दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि बीएसबीसीएल की वेबसाइट के माध्यम से नशामुक्त बिहार के संबंध में देश-दुनिया को जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर राज्य के उत्पाद आयुक्त कुंवर जंग बहादुर और बीएसबीसीएल के प्रबंध निदेशक मिथिलेश मिश्र समेत विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वेबसाइट की जानकारी देते हुए मिथिलेश मिश्र ने बताया कि बीएसबीसीएल बिहार में शराबबंदी के सामाजिक प्रभावों का अध्ययन करा रहा है। साथ ही बिहार फिल्म विकास निगम शराबबंदी के असर पर फिल्म भी बनाएगा। इसके लिए निगम से मान्यता प्राप्त राज्य के चुनिंदा फिल्मकारों को दस-दस जिले आवंटित किए जा रहे हैं।

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