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MyGov सर्वे मे पिछड़ी स्मृति ईरानी की एचआरडी मिनिस्ट्री

केंद्र की बीजेपी सरकार के दो साल पूरे होने पर मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले मोदी ने लगातार एक महीने MyGov पोर्टल के माध्यम से सर्वे किया। सर्वे के परिणाम मोदी की चहेती मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाला नजर आ रहा है। खास यह है कि सर्वे में विदेश, रेलवे सहित सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को पांच स्टार रेटिंग दी गई है। वहीं, स्मृति ईरानी की एचआरडी मिनिस्ट्री इस मामले में पिछड़ गई है।

MyGov पोर्टल का एक महीने चला यह सर्वे गुरुवार को पूरा हुआ। सर्वे के परिणाम मोदी सरकार के कैबिनेट में फेरबदल में अहम भूमिका निभा सकते हैं इसलिए इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। सर्वे में मोदी सरकार की प्रोएक्टिव फॉरेन पॉलिसी और रेलवे के मॉर्डनाइजेशन को सबसे बेहतर माना गया है। वहीं, नितिन गडकरी की सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के कामकाज को भी बहुत अच्छा बताया गया है। इन मंत्रालयों को करीब 60 फीसदी लोगों ने सबसे ज्यादा पांच स्टार रेटिंग दी है।

महीनेभर चले इस सर्वे में करीब 2 लाख 7 हजार लोगों ने सरकार के कामकाज और पहल पर अपनी राय रेटिंग के आधार पर दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस सर्वे की फाइनल रिपोर्ट पीएमओ को जल्द ही सौंपी जाने वाली है। एजुकेशन रिफॉर्म्स की कोशिश कर रही एचआरडी मिनिस्ट्री को सिर्फ 35ः लोगों ने फाइव स्टार रेटिंग दी है। ब्लैक मनी वापस लाने की कोशिशों को लोगों ने काफी नहीं माना है।

सर्वे में शामिल 31% लोगों ने ही इस मामले में सरकार को फाइव स्टार रेटिंग दी है। 14% लोगों ने इसे सबसे कम रेटिंग यानी वन स्टार दिया। स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, सेल्फ इम्पलॉयमेंट और स्टार्टअप इंडिया जैसे मोदी सरकार के अहम कैंपेन को क्रमश: 33%, 36% और 38% लोगों ने फाइव स्टार रेटिंग दी। वहीं 39% लोगों ने कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए की गई कोशिशों को फाइव स्टार रेटिंग दी।

स्किल इंडिया प्रोग्राम को 40 फीसदी लोगों ने 5 स्टार रेटिंग लायक माना। कारोबार को आसान बनाने और 24 घंटे बिजली देने की कोशिशों को भी 47% और 51% लोगों ने फाइव स्टार रेटिंग दी। इनसे ज्यादा रेटिंग सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिशों को मिली। 49 फीसदी लोगों ने इन कोशिशों को 5 स्टार रेटिंग लायक माना।

सर्वे में लोगों से 15 पहलों पर रेटिंग देने को कहा गया था। इसके लिए 1 से 5 रेटिंग रखी गई थी। टोल फ्री नंबर और मिस्ड कॉल सर्विस के जरिए यह सर्वे किया गया। सर्वे में कहा गया था कि इसके नतीजों से सरकार के कामकाज को सुधारने और देश को आगे ले जाने की कोशिशों में मदद मिलेगी।

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