गोपालगंज पहुंचे राष्ट्रपति से मिलने पैदल निकले बंगाल के दो युवक, 35 दिनों में दिल्ली पहुंचने का लक्ष्य
गोपालगंज: आदिवासी मूल के महिला राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू से मिलकर मांग पत्र सौंपने के लिए दो युवक हाथ में तिरंगा झंडा थामे दिल्ली तक की यात्रा तय करने के लिए अपने घर से निकले हैं। जो 13वें दिन गोपालगंज पहुंचे। पद यात्रा में शामिल युवक अपने हाथों में तिरंगा लेकर गोपालगंज के सड़को पर पैदल चलते हुए नजर आए। शहर के अम्बेडक चौक के पास शनिवार की देर रात पद पहुंचे। युवको द्वारा रोजाना 45 से 50 किलोमीटर की सफर तय की जाती है जो 35 वें दिन दिल्ली के राजभवन पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
आदिवासी समुदाय के दो युवक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पैदल ही घर से निकल पड़े हैं। वह पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के ओदलाबारी टी गार्डन के रहने वाले हैं। दोनों युवक हाथ में तिरंगा झंडा थामे दिल्ली तक की यात्रा तय करने के लिए अपने घर से निकले हैं। आपने यात्रा के क्रम में 13वें दिन दोनों युवक शनिवार की शाम शहर के आंबेडकर चौक पहुंचे। जहां इन दो युवकों को देख लोगों में उनके बारे में जानने की जिज्ञासा हुई। लोगों को उन्होंने बताया कि वह लोग राष्ट्रपति से मिलने की इच्छा लिए अपने घर से निकले हैं।
आदिवासी समुदाय के युवक पिलाषु उरांव एवं श्याम उरांव ने कहा कि 22 अगस्त को अपने घर से निकलने के बाद किशनगंज, बनमनखी, सिंहेश्वर स्थान, भेजा होते हुए वो गोपालगंज पहुंचे है। पिलाषु उरांव ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चाय की खेती को लेकर समस्या उत्पन्न हो रही है। वे लोग कई पीढ़ियों से चाय की बागान में ही रहते हैं। लेकिन कंपनी के द्वारा मकान बनाने से रोका जाता है। उनके पूर्वज 150 सालों से वहां रहते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि चाय बागानों के मजदूरों को बंधुआ मजदूर बनाकर रखा जाता है। युवकों ने कहा कि 35 दिनों में नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन पहूंचना उनका लक्ष्य है। हम भारत देश के नवयुवक को संदेश देना चाहते हैं कि अगर दृढ़ इच्छा-शक्ति हो तो हमारे देश के नवयुवक ग्रासरूट से किसी भी महान हस्ती से मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि चलते चलते थक जाने पर कहीं दुकान या ढाबा के पास आराम कर लेते हैं। युवकों ने कहा कि मजदूरों की बेहतरी की उम्मीद को लेकर राष्ट्रपति से मिलने जा रहे हैं। उम्मीद है कि उनकी फरियाद सुनी जाएगी।