गोपालगंज

गोपालगंज: खेलो इंडिया के माध्यम से अब सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा खेल

गोपालगंज जिले के सरकारी विद्यालयों में खेल के स्तर को और बेहतर करने के लिए अब पाठ्यक्रम में खेल को एक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। खेलों इंडिया के तहत पहले से ही सरकारी विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से ग्रास लेबल से ही खिलाड़ियों के चयन पिछले चार वर्षों से चल रहा है। लेकिन, अब इसका महत्व अन्य विषयों की तरह होने के बाद से विद्यालय स्तर पर खेलों के महत्व और भी ज्यादा बढ़ेंगे। जिले में चल रहे सरकारी मध्य एवं उच्च विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों की संख्या काफी कम है। फिर भी 100 से ज्यादा शारीरिक शिक्षकों के मध्य विद्यालयों में नियोजित किए जाने से जिले में खेल के स्तर में सुधार जरूर दिखेगा। खेल को विषय के रूप में शामिल किए जाने से शारीरिक शिक्षकों के साथ खेल से जुड़े छात्र काफी उत्साहित हैं। नई शिक्षा नीति में भी विद्यालयों में पढ़ाई के बराबर खेल को महत्व दिए जाने की बात कही गई है।

बताया जाता है कि सरकारी विद्यालयों में नामांकित छात्रों के प्रगति पत्रक पर विषयों के साथ उसके खेल प्रदर्शन के अंक दिखाई देंगे। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभागीय आदेश मिलते ही प्रगति पत्रक पर खेलों के अंकों को दर्शाया जाएगा। अब तक सरकारी विद्यालयों में छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसे ले एकेडमिक कैलेंडर बनाया जाता था। जिसके तहत छात्रों को चरणबद्ध तरीके से हर विषयों की मासिक, छहमाही एवं वार्षिक सेशन के तहत पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रयास किया जाता रहा है। वैसे ही अब खेलों के लिए भी हर विद्यालयों को एकेडमिक कैलेंडर बनाना होगा। जिसमें खेलों के आयोजन के लिए मासिक, अर्धवार्षिक एवं वार्षिक योजना का जिक्र होगा। जिसके तहत विद्यालयों में अलग-अलग समूहों के साथ वर्गो के छात्रों के लिए खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। एथलेटिक्स, क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, वॉलीबॉल, कुश्ती के साथ अन्य कई लोकल खेलों को भी विद्यालयों के खेल समूह में शामिल किया जाएगा। बताते चलें कि सरकारी विद्यालयों में नामांकित छात्रों में कई मध्य विद्यालयों के साथ उच्च विद्यालयों के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। सरकारी विद्यालयों की बात करें तो 10 फीसदी में ही खेल मैदान उपलब्ध हैं। फिर भी छात्रों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है।

वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने कहा की नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा और खेल दोनों को एक समान महत्व देने की बात की गई है। अगर खेल को भी विषय के रूप में शामिल किया जाएगा तो इससे खेल का स्तर काफी बेहतर किया जा सकता है। विभागीय पत्र मिलते ही जल्द ही इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

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